भारतीय विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए ऋषभ पंत के साथ जारी स्पर्धा पर पहली बार बयान दिया है। हाल ही में साहा की टीम बंगाल रणजी ट्रॉफी फाइनल में सौराष्ट्र के खिलाफ खिताब जीतने से चूक गई थी और सौराष्ट्र ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर पहली बार खिताब जीत लिया था।
साहा हाल ही में न्यूजीलैंड में टेस्ट मैच खेलने वाली टीम का हिस्सा थे, हालांकि उन्हें एक भी मैच में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला। वह बेंच पर ही भारत की 0-2 से करारी हार को देखने को विवश होना पड़ा।
इन दोनों मैचों में ही साहा की जगह ऋषभ पंत को विकेटकीपिंग का मौका मिला। हालांकि साहा का कहना है कि इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि कौन खेलता है क्योंकि अंतिम लक्ष्य भारत का मैच जीतना है।
साहा ने उनकी जगह ऋषभ पंत को मौका मिलने पर दिया बयान
साहा ने Sportstar को दिए इंटरव्यू में कहा, 'आमतौर पर, हर खिलाड़ी को मैच से पहले ही टीम का पता चल जाता है जब बैटिंग ऑर्डर तय किया जाता है। मैं वहां (न्यूजीलैंड) जाने के बाद जान गया था। ये मुश्किल नहीं है क्योंकि आप तब भी टीम का हिस्सा हैं।'
साहा ने कहा, 'आपको टीम मैनेजमेंट के परिस्थितियों को ध्यान पर रखकर लिए गए फैसले के साथ जाना होता है, आपको लगता है कि शायद आप खेलें क्योंकि आप आखिरी टेस्ट सीरीज में खेले थे।'
बंगाल के इस विकेटकीपर ने कहा, 'मैं टीम को आगे और व्यक्तिगत पसंद को पीछे रखता हूं। अगर टीम ने फैसला किया है कि ऋषभ खेले तो मैं इससे सहमत हूं क्योंकि मैं चाहता हूं कि टीम जीते।'
साहा ने बताया, क्यों रणजी फाइनल में हारी बंगाल की टीम
साहा पहली बार रणजी ट्रॉफी फाइनल खेले और उन्होंने बंगाल के खिताब नहीं जीत पाने की वजह का खुलासा किया।
साहा ने कहा, 'जब मैंने न्यूजीलैंड में टेस्ट मैच नहीं खेले तो मैं लाल गेंद से प्रैक्टिस कर रहा था ताकि बंगाल के फाइनल में पहुंचने पर उसके लिए खुद को तैयार कर सकूं। दूसरे खिलाड़ी वनडे सीरीज (दक्षिण अफ्रीका) और आईपीएल के लिए सफेद गेंद से प्रैक्टिस कर रहे थे।'
उन्होंने कहा, 'टीम से जुड़ने के बाद मुझे अच्छा माहौल मिला। फाइनल के लिए विकेट आशानुरूप नहीं था, लेकिन आप बहाने नहीं बना सकते हैं। आपको जो भी मिले उसमें प्रदर्शन करना होता है। हम टॉस हार गए जो महत्वपूर्ण था। हम हर चीज में थोड़ा पीछे रहे। यहां तक कि रन और साझेदारी में भी। खाना एकदम हमारे सामने था लेकिन कोई इसे छीन ले गया।'