टीम इंडिया के फिटनेशन और कंडिशनिंग कोच शंकर बसु और फिजियो पैट्रिक फारहार्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को सूचित किया है कि वह वर्ल्ड कप के बाद अपना कार्यकाल जारी नहीं रख पाएंगे।
बोर्ड ने इन दोनों समेत पूरे सपोर्ट स्टाफ को नए सिरे से अनुबंध जारी किया था, लेकिन इन दोनों ने ऑफर स्वीकार करने से मना कर दिया है।
शंकर बसु और पैट्रिक फारहार्ट छोड़ेंगे टीम इंडिया का साथ
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 'बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, बसु ने टीम मैनेजमेंट को सूचित कर दिया है कि वह ट्रेनर के तौर पर अपना काम जारी नहीं रखेंगे क्योंकि उन्हें ब्रेक की जरूरत है। यही कदम पैट्रिक फारहार्ट ने भी उठाया है। भारतीय टीम वर्ल्ड कप और वेस्टइंडीज सीरीज के बाद उनके रिप्लेसमेंट पर विचार करेगी।'
इन दोनों को ही वर्तमान भारतीय टीम के फिटनेस स्तर बढ़ाने में इन दोनों का ही योगदान माना जाता है। शंकर बसु ने ही विवादास्पद यो यो टेस्ट को अनिवार्य बनाया था।
बसु ज्यादातर पर्दे के पीछे ही रहे, लेकिन अपने चौंका देने वाला शारीरिक परिवर्तन का श्रेय विराट कोहली उन्हें ही देते हैं। इन दोनों के बीच दोस्ती रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए बसु के कार्यकाल के दौरान प्रगाढ़ हुई थी।
विराट कोहली अतीत में सार्वजनिक तौर पर बसु की तारीफ कर चुके हैं, 'ये व्यक्ति (शंकर) ही मैदान में सभी ऊर्जा और मेरे शारीरिक परिवर्तन की वजह है। आपने मुझे सिखाया कि एक प्रोफेशनल की तरह ट्रेनिंग कैसे करें और मुझे मेरे शरीर पर जोर डालने और मुश्किल अभ्यासों की सीमाओं को तोड़ने में मदद की।'
खिलाड़ियों के खानपान में बदलाव करने से लेकर नए ट्रेनिंग के तरीके अपनाने तक बसु ने भारतीय खिलाड़ियों के शारीरिक परिवर्तन में अहम भूमिका निभाई। वह भी उस टीम के लिए, जिसे मैदान में कभी भी बहुत फुर्तीला नहीं माना जाता था।
बसु ने पिछले साल कहा था, 'रोम एक दिन में नहीं बना था, और इस टीम की ट्रेनिंग की ब्रैंड 2015 से शुरू हुई है।'
बीसीसीआई ने वेस्टइंडीज दौरे पर शंकर बसु की जगह सोहम देसाई को भेजने का फैसला लिया है। इसके बाद बोर्ड इन दो पदों समेत सपोर्ट स्टाफ के सभी पदों के लिए विज्ञापन जारी करेगा, जिसमें मुख्य कोच का पद भी शामिल है।