भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के स्पेशल जनरल मीटिंग (एसजीएम) में जाने के लिए खुद को कथित तौर पर एक घंटे इंतजार कराए जाने को लेकर जमकर भड़ास निकाली है। यह एसजीएम रविवार को आयोजित की गई थी। अजहरुद्दीन ने आरोप लगाया है कि उन्हें मीटिंग के बाहर एक घंटे इंतजार कराया गया और फिर कांग्रेस नेता वी. हनुमंत राव के हस्तक्षेप के बाद ही अंदर जाने दिया गया।
एसजीएम खत्म होने के ठीक बाद पूर्व कप्तान ने एचसीए पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए संघ को खत्म करने तक की मांग कर डाली। अजहर ने न्यूज एजेंसी एएनआई को कहा, 'खिलाड़ी यह रोना रो रहे हैं कि उन्हें मैच खेलने के लिए लाखों रुपये देने पड़ रहे हैं। आप किसी संस्था इस लापरवाही से नहीं चला सकते। यह किसी का घर नहीं है। यह एक संस्था जो 1932 से चल रही है।'
अजहर ने कहा, 'उन्होंने मुझे एक घंटे तक बाहर इंतजार कराया। यह काफी अपमानजनक था। मैं हैदराबाद का खिलाड़ी हूं और 10 साल तक भारतीय टीम का कप्तान रहा हूं। जो लोग ये संस्था चला रहे हैं उन्हें क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं पता। उन्होंने अपनी जिंदगी में अपनी बल्ला या गेंद भी नहीं पकड़ा होगा।'
अजहर ने इससे पहले भी एचसीए पर आरोप लगाया था कि वह लोढ़ा समिति के प्रस्ताव को नहीं मान रहा है कि कई तरह की अनियमिततताओं से घिरा है। बता दें कि अजहर ने पिछले साल जनवरी में एससीए के प्रेसिडेंट पद के लिए अपनी उम्मीदवारी रखी थी जिसे खारिज कर दिया गया था। अजहर ने भारत के लिए 99 टेस्ट मैच खेले हैं और 47 में कप्तानी भी की है। इस दौरान उन्होंने 6215 रन बनाए। यही नहीं उन्होंने 334 वनडे इंटरनेशनल में भी 9378 रन बनाए हैं।
अजहर का करियर साल 2000 में मैच फिक्सिंग के आरोपों के कारण विवादों में आ गया था।