कम गेंदबाजी करने से परेशान उमेश यादव, निगाहें काउंटी क्रिकेट में खेलने पर

‘‘मैं 31 साल का हूं और मेरे लिये अगले चार से पांच साल काफी अहम हैं। अगर आप मेरे रिकार्ड को देखो तो मैंने पिछले साल (2019) चार टेस्ट खेले और इससे पिछले साल (2018) भी चार टेस्ट खेले थे। सफेद गेंद से मैंने पिछले साल सिर्फ एक ही मैच खेला था।’’

By भाषा | Published: January 18, 2020 6:44 PM

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अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गेंदबाज अपने कार्यभार को लेकर चिंतित रहते हैं लेकिन भारत के उमेश यादव कम गेंदबाजी से परेशान हैं जिनका कहना है कि वह अधिक गेंदबाजी करने के लिये काउंटी क्रिकेट में खेलने पर निगाह लगाये हैं। भारत के तेज गेंदबाजों में से एक उमेश भारत की खतरनाक चौकड़ी का हिस्सा हैं लेकिन अब वह सफेद गेंद के क्रिकेट में नहीं दिखते और अब चयनकर्ताओं से थोड़ा साफ पूछना चाहते हैं कि उनका ‘गेम टाइम’ कैसे बढ़ सकता है।

उमेश ने कहा, ‘‘कार्यभार प्रबंधन ऐसा संतुलन है जो आपके लगातार मैच खेलने पर किया जाता है। लेकिन मेरे मामले में यह उलट है। मैंने पिछले दो वर्षों (2018 और 2019) में काफी कम खेला है। इसलिये मेरे ऊपर ऐसा कार्यभार नहीं है। ’’ वह यहां विदर्भ के लिये रणजी ट्रॉफी मैच खेलने के लिये आये हुए हैं। उनके 45 टेस्ट में 142 विकेट हैं और उनका मानना है कि उनकी उम्र में उन्हें ज्यादा से ज्यादा खेलने की जरूरत है ताकि वह लय में रह सकें।

उमेश ने कहा, ‘‘मैं 31 साल का हूं और मेरे लिये अगले चार से पांच साल काफी अहम हैं। अगर आप मेरे रिकार्ड को देखो तो मैंने पिछले साल (2019) चार टेस्ट खेले और इससे पिछले साल (2018) भी चार टेस्ट खेले थे। सफेद गेंद से मैंने पिछले साल सिर्फ एक ही मैच खेला था।’’

उमेश ने 2019 में चार टेस्ट में 23 विकेट चटकाये थे और अब तीन रणजी मैच खेल लिये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस उम्र में, मैं जितनी ज्यादा गेंदबाजी करूंगा, उतना बेहतर बनूंगा। इसलिये मैं पांच प्रथम श्रेणी मैच खेल रहा हूं ताकि कुछ ज्यादा गेंदबाजी कर सकूं।’’

नागुपर के इस गेंदबाज के 75 वनडे में 106 विकेट हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये विश्व टी20 वाले साल में न्यूजीलैंड दौरे के बाद मेरे पास केवल आईपीएल होगा और फिर कोई क्रिकेट नहीं। अगर मैं सफेद गेंद के क्रिकेट के लिये नहीं चुना गया तो मेरे पास खेलने के लिये कुछ नहीं होगा।’’ तो वह काउंटी क्रिकेट क्यों नहीं खेलते, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पिछले सत्र में ग्लूस्टरशर से काउंटी पेशकश मिली थी। वे मुझे सात मैच में खिलाना चाहते थे लेकिन बीसीसीआई की कार्यभार प्रबंधन नीति मुझे दो या तीन से ज्यादा मैच खेलने की अनुमति नहीं देती। इसलिये यह कारगर नहीं रहा। साथ ही आईपीएल के बाद मुझे कुछ हल्की फुल्की चोटें भी थीं।’’

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