Highlightsकैप्टन कूल के नाम से मशहूर एमएस धोनी पर्सनल लाइफ में भी उतने ही कूल हैं।एक मिडिल क्लास फैमिली में जन्में धोनी आज भी सिंपल लाइफ जीने में विश्वास रखते हैं।धोनी ने मिडिल क्लास फैमिली से निकलकर स्टार क्रिकेटर बनने तक का सफर तय किया।
कैप्टन कूल के नाम से मशहूर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी पर्सनल लाइफ में भी उतने ही कूल हैं। क्रिकेट की कई बुलंदियों को छुने वाले धोनी भले ही आज एक स्टार की लाइफ जीते हैं, लेकिन क्रिकेटर बनने से पहले और करियर के शुरुआती दौर में धोनी बिल्कुल सिंपल लाइफ जीते थे।
7 जुलाई 1981 को एक मिडिल क्लास फैमिली में जन्में धोनी आज भी सिंपल लाइफ जीने में विश्वास रखते हैं, लेकिन स्टारडम हमेशा उनके साथ रहता है। उन्होंने मिडिल क्लास फैमिली से निकलकर स्टार क्रिकेटर बनने तक का सफर तय किया है।
मेकॉन में काम करते थे धोनी के पिता
भले ही धोनी एक सक्सेसफुल क्रिकेटर हैं और लग्जरी लाइफ जीते हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब उन्हें अपनी पहचान बनाने में खासा संघर्ष करना पड़ा था। धोनी का बचपन झारखंड की राजधानी रांची में ही बीता। धोनी के पिता रांची में मेकॉन कंपनी में जूनियर मैनेजमेंट के पद पर नौकरी करते थे और उन्हें रहने के लिए सरकारी क्वाटर मिला था, जिसमें उनका पूरा परिवार रहता था।
शुरुआत में धोनी नहीं बनना चाहते थे क्रिकेटर
बचपन में धोनी का पहला पसंद क्रिकेट नहीं, बल्कि फुटबॉल और बैडमिंटन था। धोनी रांची के डीएवी श्यामली स्कूल में पढ़ते थे और स्कूल की फुटबॉल टीम के गोलकीपर हुआ करते थे। वो डिस्ट्रिक्ट और क्लब लेवल तक बैडमिंटन और फुटबॉल भी खेल चुके हैं।
एक बार उनके स्कूल की क्रिकेट टीम का विकेटकीपर नहीं आया तो कोच ने धोनी को विकेटकीपर बनकर टीम के साथ खेलने के लिए बोला। धोनी की विकेटकीपिंग ने कई लोगों को आकर्षित किया और कोच ने उनको क्रिकेट में विकेटकीपर बनने के लिए कहा। 10वीं क्लास से धोनी ने क्रिकट में ध्यान लगाना शुरू किया और उसके बाद आगे बढ़ते गए।
क्रिकेट के लिए छोड़ दी सरकारी नौकरी
क्रिकेट की तरफ रूझान होने के बाद धोनी ने क्रिकेट खेलना शुरू किया और धीरे-धीरे अपने खेल को निखारने लगे। 1998 में धोनी बिहार की अंडर-19 क्रिकेट टीम का हिस्सा थे। उनकी टीम पंजाब के खिलाफ हार गई, लेकिन उनका परफॉर्मेंस की तारीफ हुई। इसके बाद धोनी को बिहार रणजी टीम में शामिल कर लिया गया।
इसी दौरान उन्हें रेलवे में टिकट कलेक्टर की नौकरी मिली और खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर पोस्टिंग हुई। धोनी ने 2001 से 2003 तक यह नौकरी की, लेकिन इसके बाद क्रिकेट में करियर बनाने के लिए सरकारी नौकरी छोड़ दी। 2003 और 2004 में अच्छी परफॉर्मेंस के बाद धोनी को इंडिया-ए टीम में और उसके बाद इंडिया टीम में शामिल किया गया।