शिखर ने 15 पारियों में बनाए सिर्फ 376 रन, एक्सपर्ट्स ने बताया क्या है धवन की खराब फॉर्म की वजह

धवन के पिछले 15 पारियों पर नजर डालें तो उन्होंने सिर्फ 376 रन बनाए हैं। इस दौरान धवन का औसत 26.85 का रहा।

By सुमित राय | Published: March 07, 2019 10:04 AM

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ठळक मुद्देएक्सपर्ट्स का मानना है कि धवन की खराब फॉर्म तकनीक नहीं, बल्कि मानसिकता की वजह से है।धवन के पिछले 15 पारियों पर नजर डालें तो उन्होंने सिर्फ 376 रन बनाए हैं।धवन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी वनडे सीरीज के दो मैचों में सिर्फ 21 रन बना पाए हैं।

टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन काफी समय के खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही सीरीज के दो मैचों में बड़ी पारी खेलने में नाकाम हो गए। धवन के पिछले 15 पारियों पर नजर डालें तो उन्होंने सिर्फ 376 रन बनाए हैं। इस दौरान धवन का औसत 26.85 का रहा।

धवन के खराब फॉर्म को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि लंबे समय से चल रही धवन की खराब फॉर्म तकनीक नहीं बल्कि उनकी मानसिकता की वजह से है। प्रथम श्रेणी मैचों में धवन के साथ पारी की शुरुआत कर चुके आकाश चोपड़ा तथा दिल्ली की टीम में धवन के कप्तान और कोच रहे विजय दहिया दोनों ने स्वीकार किया कि बाएं हाथ का यह बल्लेबाज बुरे दौर से गुजर रहा है।

धोनी के पिछली पारियों पर नजर डालें तो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में 21 रन बनाकर आउट हो गए, जबकि पहले मैच में खाता भी नहीं खोल पाए थे। वहीं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 में सिर्फ 14 रन बना पाए थे, जबकि पहले टी20 में उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया था।

धवन के खराब फॉर्म का दौर न्यूजीलैंड में जारी और वहां टी20 सीरीज में 29, 30 और 5 रन की पारी खेल पाए थे। वहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में 6, 13, 28 और 66 रनों का योगदान दिया था।

पूर्व भारतीय विकेटकीपर दीप दासगुप्ता का मानना है कि 'मानसिकता एक मसला है क्योंकि धवन हमेशा रन बनाने के तरीके ढूंढ लेता है।'

आकाश चोपड़ा ने कहा, 'इसका खंडन नहीं किया जा सकता कि धवन बुरे दौर से गुजर रहा है लेकिन अब केवल तीन अंतरराष्ट्रीय मैच बचे हैं और मुझे नहीं लगता कि कोई बड़ा बदलाव होगा।'

उन्होंने कहा, 'उसका बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट (विश्व कप, चैंपियन्स ट्राफी, एशिया कप) में शानदार रिकार्ड रहा है। वह किसी भी समय फार्म में वापसी कर सकता है।'

दहिया का मानना है कि धवन का मसला मानसिकता से जुड़ा है और वह तेजी से रन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं यह नहीं कहूंगा कि यहां तकनीक बड़ा मसला है क्योंकि उसने जितने भी चौके लगाये वह विकेट के सामने से लगाये। भले ही वे आफ साइड में नहीं थे लेकिन वे विकेट के पीछे के शॉट नहीं थे।'

दहिया ने कहा, 'वह तेजी से रन बनाने की कोशिश कर रहा है। मैक्सवेल के खिलाफ ऐसा ही हुआ। उसने सोचा कि मैक्सवेल कामचलाऊ स्पिनर है तो वह तेजी से रन बना सकता है और इसलिए उसने पुल शॉट खेला।'

दासगुप्ता ने कहा, 'नागपुर में वह क्रीज पर पांव जमा चुका था और आसानी से उस गेंद को लांग आफ या लांग आन पर खेल सकता था। ऐसा तब होता है जबकि आप थोड़ा भ्रम की स्थिति में होते हो। शिखर अगर पहले दो ओवरों में ही अपना अगला पांव काफी आगे निकालकर कवर ड्राइव खेल रहा है तो आप समझ सकते हो कि वह अच्छी लय में है।'

प्रतिस्पर्धा का दबाव किसी मानसिकता को प्रभावित कर सकता है और केएल राहुल ने अपनी फॉर्म हासिल कर ली है और दहिया का मानना है कि यह बात धवन के दिगाम में हो सकती है।

दहिया ने कहा, 'जब कोई आपकी जगह लेने के लिए तैयार हो तो आप दबाव महसूस करते हो। ऐसी परिस्थितियों में आपका दिमाग कैसे काम करता है यह महत्वपूर्ण होता है।'

टॅग्स :शिखर धवनभारत Vs ऑस्ट्रेलिया

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