'इतनी खूबसूरत पत्नी के बावजूद कोई डिप्रेशन में कैसे आ सकता है', विराट कोहली से फारुख इंजीनियर ने पूछा सवाल

इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी मार्क निकोल्स के साथ बातचीत में कोहली ने स्वीकार किया कि वह उस दौरे के दौरान अपने करियर के मुश्किल दौर से गुजरे थे...

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: February 27, 2021 4:09 PM

Open in App
ठळक मुद्देसाल 2014 में डिप्रेशन से गुजरे थे विराट कोहली।इंग्लैंड दौरे पर फ्लॉप रहे थे कोहली।फारुख इंजीनियर ने विराट कोहली से पूछा सवाल।

टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कुछ दिनों पहले खुलासा किया था कि वह साल 2014 में इंग्लैंड के खराब दौरे के बीच डिप्रेशन से जूझ रहे थे और लगातार असफलताओं के बाद उन्हें लग रहा था कि वह इस दुनिया में अकेले इंसान हैं। कोहली के इस खुलासे के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर फारुख इंजीनियर विराट कोहली के अवसाद में आने पर हैरानी जताई है।

विराट कोहली को फारुख इंजीनियर ने कही ये बात

फारुख इंजीनियर ने कहा, "आप डिप्रेशन में कैसे आ सकते हैं, जबकि आपकी इतनी खूबसूरत वाइफ है और अब आप पिता भी बन गए हैं। भगवान को थैंक्स कहने के लिए आपके पास कई वजह है। डिप्रेशन पश्चिमी देशों की सोच है और हम भारतीयों के पास ऐसी एनर्जी होती है, जिसकी वजह से हम अवसाद से बच सकते हैं। 

उन्होंने आगे कहा, "यही नहीं हमारी मानसिक स्थिति काफी अच्छी और मजबूत है। हमारे पास इतनी ताकत है कि, हम किसी भी परिस्थिती का सामना करने में सक्षम हैं जबकि इंग्लैंड के खिलाड़ियों के पास ऐसी क्षमता नहीं है।"

विराट कोहली ने खुद किया था खुलासा

इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी मार्क निकोल्स के साथ बातचीत में कोहली से जब पूछा गया कि वह कभी अवसादग्रस्त रहे, 'हां, मेरे साथ ऐसा हुआ था। यह सोचकर अच्छा नहीं लगता था कि आप रन नहीं बना पा रहे हो और मुझे लगता है कि सभी बल्लेबाजों को किसी दौर में ऐसा महसूस होता है कि आपका किसी चीज पर कतई नियंत्रण नहीं है।"

विराट कोहली इंग्लैंड दौरे पर रहे थे फ्लॉप

कोहली के लिए 2014 का इंग्लैंड दौरा निराशाजनक रहा था। उन्होंने पांच टेस्ट मैचों की 10 पारियों में (स्कोर 1, 8, 25, 0, 39, 28, 0,7, 6 और 20 रन) 13.50 की औसत से रन बनाए थे। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौर में उन्होंने 692 रन बनाकर शानदार वापसी की थी।

उन्होंने इंग्लैंड दौरे के बारे में कहा, "आपको पता नहीं होता है कि इससे कैसे पार पाना है। यह वह दौर था जबकि मैं चीजों को बदलने के लिए कुछ नहीं कर सकता था. मुझे ऐसा महसूस होता था कि जैसे कि मैं दुनिया में अकेला इंसान हूं।"

दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक भारतीय कप्तान का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है क्योंकि इससे किसी खिलाड़ी का करियर बर्बाद हो सकता है। इसलिए विशेषज्ञ की मदद लेना जरूरी है।

टॅग्स :विराट कोहलीभारतीय क्रिकेट टीमभारत vs इंग्लैंडअनुष्का शर्मा

संबंधित बातम्या

क्रिकेट अधिक बातम्या