सिडनी, 29 मार्च। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट में बॉल टैम्परिंग मामले में दोषी पाए गए स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर पर एक साल का बैन लगा, तो वहीं ओपनर बल्लेबाज केमरन बेनक्रॉफ्ट को नौ महीने के लिए क्रिकेट से प्रतिबंधिता किया गया है। ये खिलाड़ी सजा पूरी होने के बात टीम में वापसी कर पाएंगे, लेकिन डेविड वॉर्नर कभी भी टीम के कप्तान नहीं बन पाएंगे।
बता दें कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के जांच में स्मिथ और वॉर्नर के अलावा बेनक्रॉफ्ट को बॉल टेंपरिंग का दोषी पाया था, लेकिन बताया जा रहा है कि टीम के उपकप्तान डेविड वॉर्नर मामले में मुख्य साजिशकर्ता थे। केपटाउन में हुई इस घटना की सीए की जांच में पता चला है स्टीव स्मिथ और कैमरन बेनक्राफ्ट को पता था कि क्या हो रहा है, लेकिन वह वॉर्नर थे जिन्होंने गेंद के हालात को कृत्रिम रूप से बदलने के प्रयास की योजना बनाई थी। सीए ने बॉल टेंपरिंग विवाद में तीनो खिलाड़ियों को आचार संहिता के अनुच्छेद 2.3.5 के अंतर्गत दोषी पाया था।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपने बयान में बताया कि डेविड वॉर्नर एक साल का प्रतिबंध खत्म होने के बाद फिर कभी राष्ट्रीय टीम की कप्तानी नहीं कर पाएंगे। हालांकि बैन खत्म होने के बाद स्मिथ को एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी करने का मौका दिया जा सकता है, लेकिन वॉर्नर के नाम पर कभी विचार नहीं किया जाएगा।
सीए ने बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट खेलने पर लगे प्रतिबंध के समाप्त होने के कम से कम 12 महीने तक स्टीम स्मिथ और कैमरन बेनक्राफ्ट के नाम पर कप्तानी के लिए विचार नहीं होगा।
बयान के अनुसार, 'भविष्य में नेतृत्व पर विचार की कोई भी संभावना शर्तिया होगी जो प्रशंसकों और जनता की स्वीकार्यता के अलावा फार्म और खिलाड़ियों के समूह के बीच स्थिति पर निर्भर करेगी। टीम की कप्तानी के लिए भविष्य में डेविड वॉर्नर के नाम पर विचार नहीं होगा।' वॉर्नर पर जूनियर खिलाड़ी को रेगमाल का इस्तेमाल करके कृत्रिम रूप से गेंद के हालात बदलने का निर्देश देने का आरोपी बनाया गया है।
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