विराट कोहली ने बताया कब किया सबसे ज्यादा असहाय महसूस, कहा, '...तो पूरी रात रोता रहा था'

Virat Kohli: टीम इंडिया के कप्तान ने कहा कि कोरोना संकट ने हमें और उदार बनाया है, भारतीय कप्तान ने किया अपने करियर के उस पल का खुलासा जब किया सबसे सबसे असहाय महसूस

By भाषा | Updated: April 22, 2020 06:49 IST2020-04-22T06:44:41+5:302020-04-22T06:49:29+5:30

Cried whole night: Virat Kohli recalls most helpless moment | विराट कोहली ने बताया कब किया सबसे ज्यादा असहाय महसूस, कहा, '...तो पूरी रात रोता रहा था'

विराट कोहली ने कहा कि कोरोना ने लोगों को और उदार बना दिया है

Highlightsजीवन के बारे में कुछ नहीं कह सकते, जिससे खुशी मिले, वह करो: कोहलीइन सबसे भी सीख ही मिली है, जीवन में कुछ भी अकारण नहीं होता: अनुष्का

नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में शुमार विराट कोहली ने अपने करियर के सबसे मुश्किल दौर का खुलासा किया है।  ‘अनअकैडेमी’ द्वारा आयोजित ऑनलाइन क्लास में कोहली और उनकी पत्नी अभिनेत्री अनुष्का शर्मा ने सफलता मिलने से पहले अपने संघर्षों के बारे में विस्तार से बात की।

कोहली से यह भी पूछा गया कि वह कौन सा पल था जिसमें उन्होंने सबसे असहाय महसूस किया, इस पर उन्होंने कहा ,‘‘जब शुरुआत में प्रदेश की टीम में भी मेरा चयन नहीं हो पा रहा था। मैं पूरी रात रोता रहा और मैने अपने कोच से पूछा कि मेरा चयन क्यो नहीं हो रहा।’’ 

कोरोन ने लोगों को और उदार बना दिया: कोहली 

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने लोगों को और उदार बना दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि संकट टलने के बाद भी डाक्टरों और पुलिसकर्मियों जैसे मोर्चे पर डटे कोरोना योद्धाओं के प्रति कृतज्ञता का भाव कायम रहेगा। कोहली ने कहा,‘‘इस संकट का एक सकारात्मक पहलू यह है कि एक समाज के तौर पर हम अधिक उदार हो गए हैं। हम इस जंग में मोर्चे पर जुटे योद्धाओं के प्रति कृतज्ञता दिखा रहे हैं। चाहे वे पुलिसकर्मी हों, डॉक्टर या नर्सें।’’ उन्होंने कहा,‘‘उम्मीद है कि संकट से उबरने के बाद भी यह जज्बा कायम रहेगा।’’

कोहली ने कहा,‘‘जीवन के बारे में कुछ नहीं कह सकते। जिससे खुशी मिले, वह करो और हर समय तुलना नहीं करते रहना चाहिये। इस संकट के बाद जीवन अलग हो जायेगा।’’ अनुष्का ने कहा,‘‘इन सबसे भी सीख ही मिली है। जीवन में कुछ भी अकारण नहीं होता। यदि मोर्चे पर ये लोग डटे नहीं होते तो हमे बुनियादी चीजें भी नहीं मिल पाती।’’

उन्होंने कहा,‘‘इसने हमें सिखाया है कि कोई दूसरे से खास नहीं है  सब कुछ सेहत है। अब हम एक समाज के तौर पर अधिक जुड़ाव महसूस कर रहे हैं।’’

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