भारतीय महिला टीम के कोच डब्ल्यूवी रमन की नियुक्ति की होगी समीक्षा, सीओए ने आचरण अधिकारी दिया आदेश

प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डीके जैन को राष्ट्रीय महिला टीम के मुख्य कोच डब्ल्यूवी रमन की नियुक्ति की समीक्षा करने को कहा है।

By भाषा | Published: July 24, 2019 10:27 PM

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ठळक मुद्देसीओए ने सैद्धांतिक रूप से अप्रैल में ही रमन की नियुक्ति की समीक्षा करने का फैसला किया था।पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज डब्ल्यूवी रमन को पिछले साल दिसंबर में भारतीय महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया था।

नई दिल्ली, 24 जुलाई। भारतीय क्रिकेट का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डीके जैन को राष्ट्रीय महिला टीम के मुख्य कोच डब्ल्यूवी रमन की नियुक्ति की समीक्षा करने को कहा है। सीओए ने सैद्धांतिक रूप से अप्रैल में ही रमन की नियुक्ति की समीक्षा करने का फैसला किया था लेकिन उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जैन को कुछ दिन पहले ही उन्होंने यह मामला भेजा है।

पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज रमन को पिछले साल दिसंबर में पूर्व क्रिकेटरों कपिल देव, अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी की तदर्थ समिति ने विवादास्पद हालात में नियुक्त किया था। सीओए उस समय दो सदस्यीय समिति थी और इसके अध्यक्ष विनोद राय और डाइना इडुल्जी के बीच कोच चयन प्रक्रिया को लेकर गंभीर मतभेद थे। लेफ्टिनेंट जनरल रवि थोडगे के शामिल होने के बाद अब यह समिति तीन सदस्यीय हो गई है।

इडुल्जी ने कोच चयन प्रक्रिया को दिखावटी और ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए कहा था कि कोच चुनने की जिम्मेदारी सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएससी) को दी जानी चाहिए थी। सीएसी अभी काफी हद तक निष्क्रिय है और ऐसे में एक बार फिर कपिल, गायकवाड़ और रंगास्वामी की तदर्थ समिति को पुरुष टीम के मुख्य कोच के चयन की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है जिसके लिए आवेदन मंगाए गए हैं।

नए संविधान के अनुसार सिर्फ सीएसी को ही कोच चुनने का अधिकारी है लेकिन सीओए को गांगुली और लक्ष्मण को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का इंतजार है जिन्हें जैन ने क्रिकेट में कई भूमिकाओं में से एक को चुनने को कहा है।

बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘‘तदर्थ समिति अगर दोबारा राष्ट्रीय कोच चुनती है तो स्थिति पेचीदा हो सकती है, जैसा कि रमन के मामले में हुआ। तार्किक यह है कि गांगुली और लक्ष्मण के मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का इंतजार किया जाए और फिर आगे की प्रक्रिया पर फैसला किया जाए।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर तदर्थ पैनल एक बार फिर कोच चुनता है तो यह हितों के टकराव का संभावित मामला हो सकता है क्योंकि कपिल और रंगास्वामी दोनों भारतीय खिलाड़ी संघ के गठन से जुड़े हैं।’’

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