टीम इंडिया का 1999-2000 का ऑस्ट्रेलिया दौरा बेहद निराशाजनक रहा था और दोनों टीमों के बीच जबर्दस्त अंतर साफ दिखा था। टीम इंडिया इस दौरे पर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 0-3 से हार गी थी। इस करारी हार ने भारतीय टीम में बड़े बदलावों के लिए उत्प्रेरक का काम किया।
उस खराब दौरे पर कप्तान सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण ही दो ऐसे बल्लेबाज थे काफी हद तक छाप छोड़ सके थे। उस सीरीज का सबसे बड़ा आकर्षण थे ब्रेट ली, जिन्होंने अपनी पहली ही टेस्ट सीरीज में गति और विविधता से टीम इंडिया के बल्लेबाजों का कड़ा इम्तिहान लिया।
ली को भारतीय टीम के 1999 दौरे के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल किया गया और उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में ही पारी में 5 विकेट झटक लिए और इसके बाद उस सीरीज के जो टेस्ट वह खेले उनमें 13 विकेट ले लिए।
ब्रेट ली ने बताई पहली बार सचिन तेंदुलकर को आउट करने की कहानी
ली ने इसके बाद हुई वनडे ट्राई सीरीज से सीमित ओवरों में अपना डेब्यू किया और एडिलेड में खेले गए सीरीज के 10वें मैच में जाकर उनका सचिन को आउट करने का सपना पूरा हो सका। उस मैच में 330 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम का दारोमदार सचिन के कंधों पर था, लेकिन युवा ली ने उन्हें 18 के स्कोर पर आउट कर दिया।
भले ही इंटरनेशनल क्रिकेट में ली ने पहली बार सचिन को आउट किया था, लेकिन वह इससे पहले भी इस महान बल्लेबाज को आउट कर चुके थे। ब्रेट ली ने सचिन को पहली बार आउट करने की अपनी यादों का खुलासा स्टार स्पोर्ट्स के शो 'क्रिकेट कनेक्टेड' में किया।
ली को टेस्ट सीरीज से पहले कैनबरा में खेले गए प्रैक्टिस मैच में ऑस्ट्रेलियन पीएम एकादश में शामिल किया गया था, उसी दौरान ब्रेट ली ने सचिन को पहली बार आउट किया था।
ली ने कहा, 'मैं 22 साल का था जब मुझे लिटिल मास्टर के खिलाफ खेलने का पहला अवसर मिला। मैंने उन्हें आउट किया और मुझे लगा मेरा काम खत्म हो गया। मैंने टेस्ट मैच की चिंता नहीं कि क्योंकि मैं सचिन तेंदुलकर को आउट करके बेहद खुश था।'
ब्रेट ली ने ऑस्ट्रेलिया की 2003 वर्ल्ड कप जीत में अहम योगदान दिया था, हालांकि वह 2007 की वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा बनने से चूक गए क्योंकि वह चोट की वजह से बाहर हो गए थे। संन्यास से पहले ली ने टेस्ट और वनडे दोनों ही फॉर्मेट में 300 से ज्यादा विकेट हासिल किए।