नई दिल्ली, 02 जून: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाले एकमात्र टेस्ट के लिए चुने गए टीम इंडिया के सभी खिलाड़ियों को 8 जून को बेंगलुरु में यो-यो टेस्ट देने को कहा है। अफगानिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक टेस्ट 14 जून से बेंगलुरु में ही शुरू होगा। इस टेस्ट से ही भारत के करीब ढाई महीने चलने वाले दौर की भी शुरुआत होगी, जिसमें आयरलैंड के खिलाफ इस महीने के अंत में होने वाले दो टी20 भी शामिल हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यो-यो टेस्ट का परिणाम खिलाड़ियों का फिटनेस रिपोर्ट कार्ड होगा, जिसे सपोर्ट स्टाफ महत्वपूर्ण सीजन शुरू होने से पहले बोर्ड को सौपेंगे। बीसीसीआई के एक सूत्र के मुताबिक, खिलाड़ियों को अनिवार्य यो-यो टेस्ट देना होगा। हालांकि अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट के लिए टीम पहले ही चुनी जा चुकी है लेकिन ये एक प्रक्रिया है, जिसे हर खिलाड़ी को फॉलो करना होगा। साथ ही इंग्लैंड दौरे पर जाने वाले खिलाड़ियों को भी आने वाले हफ्तों में यो-यो टेस्ट देना होगा।
न सिर्फ टेस्ट खिलाड़ियों को इस टेस्ट से गुजरना होगा बल्कि इंग्लैंड के दौरे पर चार दिनी मैचों और वेस्टइंडीज के साथ ट्राई सीरीज के लिए चुने गए खिलाड़ियों को भी यो-यो टेस्ट देना होगा। इन खिलाड़ियों का ये टेस्ट बेंगलुरु में 3-4 जून को होगा।
बीसीसीआई ने पिछले साल यो-यो टेस्ट को टीम इंडिया के खिलाड़ियों की फिटनेस स्तर जांच के तौर पर अपनाया था। बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी ने जोर देकर कहा कि अगर कोई खिलाड़ी चोट रहित है और फॉर्म में है, तब भी उसे अनिवार्य फिटनेस मानदंडों पर खरा उतराना होगा, वर्ना उसे अपने से फिट खिलाड़ी के लिए जगह खाली करनी होगी।
यो-यो टेस्ट में खिलाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करना होता है-जिसमें 20 मीटर की दूरी पर रखे दो कोन के बीच खिलाड़ियों को दौड़ना होता है। इसमें बैकग्राउंड में तीन बीप की आवाज बजती है, जिसके बजने के बीच में खिलाड़ियों को दौड़ना, मुड़ना और रेस खत्म करनी होती है। बीप बजने का समय लगातार कम होता जाता है, जिससे हर 40 मीटर की रेस को पूरा करने के लिए ज्यादा स्पीड की जरूरत पड़ती है। दो बार बीप से हारने का मतलब है कि आपके लिए टेस्ट खत्म हो गया। अंतिम स्कोर की गणना लगाए गए चक्करों और उस दौरान हासिल की गई स्पीड से होती है।