HighlightsAustralia vs England, 4th Test Ashes 2025-26: मेजबान टीम ने चार तेज गेंदबाजों के साथ खेलने का विकल्प चुना है।Australia vs England, 4th Test Ashes 2025-26: टॉड मर्फी को टीम में जगह नहीं मिली है।Australia vs England, 4th Test Ashes 2025-26: नाथन लियोन चोट के कारण बाहर हो गए हैं।
मेलबर्नः चौथे एशेज टेस्ट की शुरुआत कल से है। 5 मैच की सीरीज में 3-0 से आगे ऑस्ट्रेलिया की नजर 5-0 पर है। इंग्लैंड की टीम दौरे पर बेदम है और शराब कांड के बाद और बुरा हाल है। स्टीव स्मिथ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ब्रिस्बेन में खेले गए दूसरे एशेज टेस्ट में बिना किसी मुख्य स्पिनर के उतरा था। तीन हफ्ते बाद बॉक्सिंग डे टेस्ट में भी ऑस्ट्रेलिया यही रणनीति अपनाएगा और एक बार फिर कप्तानी स्मिथ ही करेंगे। नाथन लियोन चोट के कारण बाहर हो गए हैं, जबकि उनके स्थान पर आए टॉड मर्फी को टीम में जगह नहीं मिली है। मेजबान टीम ने चार तेज गेंदबाजों के साथ खेलने का विकल्प चुना है।
Australia vs England, 4th Test Ashes 2025-26: चौथे टेस्ट के लिए टीम इस प्रकार है-
इंग्लैंड: जैक क्रॉली, बेन डकेट, जैकब बेथेल, जो रूट, हैरी ब्रुक, बेन स्टोक्स (कप्तान), जेमी स्मिथ, विल जैक्स, गस एटकिंसन, ब्रायडन कार्स, जोश टोंग।
ऑस्ट्रेलियाः स्टीवन स्मिथ (कप्तान), एलेक्स कैरी, ट्रैविस हेड, जेक वेदरल्ड, मार्नस लाबुशेन, उस्मान ख्वाजा, कैमरन ग्रीन, मिचेल स्टार्क, स्कॉट बोलैंड, माइकल नेसर, झाई रिचर्डसन, ब्रेंडन डॉगेट।
ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के खिलाफ शुक्रवार से शुरू हो रहे चौथे एशेज टेस्ट के लिए तेज गेंदबाजों पर भरोसा जताया है और चोटिल नाथन लियोन की जगह किसी स्पिनर को टीम में शामिल नहीं किया जायेगा। एडीलेड में तीसरे टेस्ट में लियोन को चोट लगी थी जिनकी जगह आफ स्पिनर टॉड मरफी को बुलाया गया।
एमसीजी की पिच पर हालांकि घास को देखते हुए आस्ट्रेलिया ने मरफी को बाहर रखने का फैसला किया है । इंग्लैंड पहले तीनों टेस्ट हार चुका है जिससे आस्ट्रेलिया ने 11 दिन के भीतर ही एशेज जीत ली है । एमसीजी पर शेन वॉर्न और लियोन काफी सफल रहे हैं और ऐसा कम ही होता है कि इस मैदान पर आस्ट्रेलियाई टीम में स्पिनर नहीं हों।
कप्तान स्टीव स्मिथ ने कहा ,‘आपको पिच के हिसाब से टीम चुननी होती है और इस पिच को देखकर लगता है कि यहां तेज गेंदबाजों को काफी मदद मिलेगी।’ लियोन और नियमित कप्तान पैट कमिंस के बाहर होने से जोश इंग्लिस, झाय रिचर्डसन, ब्रेंडन डोगेट और माइकल नेसेर तेज गेंदबाजी का जिम्मा संभालेंगे।
इंग्लैंड के गेंदबाज जोफ्रा आर्चर मांसपेशियों में खिंचाव के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बाकी बचे दो एशेज टेस्ट मैचों में नहीं खेल पाएंगे। टीम के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। इससे इंग्लैंड की मैदान और मैदान से इतर की समस्याएं और बढ़ गई हैं। इसमें उसके सलामी बल्लेबाज बेन डकेट पर नशे में धुत होकर रास्ता भटकने का आरोप भी शामिल हैं।
तीस वर्षीय आर्चर पिछले चार वर्षों से पीठ और दाहिनी कोहनी में स्ट्रेस फ्रैक्चर सहित कई तरह की फिटनेस समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने भारत के खिलाफ लंबे समय बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी की और उसके बाद वह शानदार फॉर्म में थे। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथा टेस्ट शुक्रवार को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) में शुरू होगा जबकि पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच चार जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा। ऑस्ट्रेलिया पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में अभी 3-0 से आगे है और उसने एशेज अपने पास बरकरार रखी है।
आर्चर बुधवार को एमसीजी में अभ्यास सत्र के लिए मैदान पर पहुंचे, लेकिन उन्होंने अभ्यास नहीं किया। बाद में टीम के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि वह दौरे के बाकी बचे दो मैच से बाहर हो गए हैं। आर्चर ने पर्थ, ब्रिस्बेन और एडिलेड में खेले गए मैचों में कुल 80 ओवर गेंदबाजी की थी, जिसमें उन्होंने 27.11 की औसत से नौ विकेट लिए।
उन्होंने एडिलेड में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में पहली पारी में 53 रन देकर पांच विकेट लिए और 51 रन बनाए। इंग्लैंड ने चौथे टेस्ट मैच के लिए बुधवार को अपनी टीम की घोषणा की जिसमें आर्चर की जगह गस एटकिंसन को अंतिम एकादश में शामिल किया गया है। इसके अलावा तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले ओली पोप की जगह जैकब बेथेल को टीम में लिया गया है।
पोप का इस श्रृंखला में बल्लेबाजी औसत 20.83 है। डकेट ने श्रृंखला में खराब प्रदर्शन के बावजूद टीम में अपना स्थान बरकरार रखा है। डकेट का इस सप्ताह दूसरे और तीसरे टेस्ट के बीच कथित तौर पर नशे में धुत दिखाई देने का वीडियो सामने आया है। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने कहा कि उन्होंने डकेट से बात की है।
स्टोक्स ने कहा, ‘‘मैंने उनसे संपर्क किया है। उनसे बात की है और उन्हें अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया। इंग्लैंड के कप्तान के रूप में मेरा काम न सिर्फ टीम के लिए अनुकूल परिणाम हासिल करना है, बल्कि खिलाड़ियों को ऐसी मानसिक स्थिति में लाने की कोशिश करना भी है जहां वे मैदान पर जाकर अच्छा प्रदर्शन कर सकें।’’