अंगुली में फ्रेक्चर, गर्दन में सूजन, आंख और घुटने में चोट। शिखर धवन 2019 में चोटों से जूझते रहे लेकिन भारत का सलामी बल्लेबाज नई शुरुआत के लिए तैयार है और उन्होंने बता दिया है कि वह बल्लेबाजी करना नहीं भूले हैं। हैदराबाद के खिलाफ रणजी ट्राफी मैच में दिल्ली की कमान संभालने वाले धवन सैयद मुश्ताक अली ट्राफी के दौरान घुटने में लगी चोट से उबरने के बाद वापसी कर रहे हैं। घुटने की चोट के कारण धवन को 25 टांके लगे थे। धवन ने भले ही भारतीय टीम में वापसी की हो लेकिन उन्हें पता है कि सीमित ओवरों के क्रिकेट में लोकेश राहुल की शानदार फार्म के कारण उनकी राह आसान नहीं होगी।
धवन ने ट्रेनिंग सत्र के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मेरे लिए नई शुरुआत है। पहले मेरी अंगुली में चोट लगी, फिर गर्दन में, आंख में और फिर घुटने पर टांके लगे। अच्छी खबर है कि नया साल आ रहा है। मुझे खुशी है कि राहुल ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया। उसने मौके का फायदा उठाया।’’ चोटों पर किसी का नियंत्रण नहीं है लेकिन धवन पर भी प्रतिकूल हालात का असर नहीं पड़ा।
धवन ने कहा, ‘‘चोट लगना स्वाभाविक है। आपको यह स्वीकार करना होगा। यह ठीक है और मैं इसे लेकर हाय तौबा नहीं मचाने वाला। उतार-चढ़ाव का मुझ पर असर नहीं पड़ता क्योंकि मैं बल्लेबाजी करना नहीं भूला हूं। मेरा स्तर स्थायी है और मैं रन बनाऊंगा।’’
इस सलामी बल्लेबाज ने स्वीकार किया कि श्रीलंका के खिलाफ टी20 श्रृंखला उनके लिए काफी महत्वपूर्ण होगी। इस श्रृंखला से रोहित शर्मा ने ब्रेक लिया है लेकिन आस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला में तीनों सलामी बल्लेबाज (धवन, राहुल और रोहित) उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण सत्र है। मैं श्रीलंका के खिलाफ टी20 में अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं लेकिन चयन सहायक स्टाफ (टीम प्रबंधन) का काम है। वे अपना काम करेंगे और मैं अपना। बड़ी पारियां खेलने को लेकर उत्सुक हूं।’’
34 साल के धवन ने सितंबर 2018 के बाद टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला है। रोहित और मयंक अग्रवाल ने पिछले कुछ समय में टेस्ट क्रिकेट में प्रभावी जोड़ी बनाई है जबकि पृथ्वी शॉ को अपनी बारी का इंतजार है और ऐसे में धवन को टीम में जगह बनाने में काफी मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं टेस्ट टीम में हूं या नहीं, यह मायने नहीं रखता। मुझे पता है कि मेरे पास कैसा खेल है। मैंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी रन बनाए हैं। मैं वापसी करके रणजी ट्राफी में खेलकर खुश हूं।’’ टेस्ट टीम में वापसी धवन के लिए चुनौती होगी लेकिन उन्होंने कहा कि वह कभी चुनौतियों से नहीं भागे। आम तौर पर माना जाता रहा है कि भारतीय खिलाड़ी रणजी ट्राफी में पर्याप्त मुकाबले नहीं खेलते लेकिन धवन का मानना है कि यह काम के भार पर भी निर्भर करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में खेले हैं तो आपको खिलाड़ी को आराम भी देना होगा जिससे कि वह तरोताजा रहे। जब आप भारत के लिए खेलते हैं तो यही प्राथमिकता होती है। हम भी इंसान हैं, मशीन नहीं इसलिए आपको मानसिक और शारीरिक रूप से तरोताजा रहने की जरूरत है।’’
धवन ने सभी को क्रिसमस की बधाई दी और साथ ही खुलासा किया कि नया साल उनकी लिए विशेष क्यों है। उन्होंने बताया, ‘‘मेरी पत्नी (आयशा) और बेटा (जोरावर) अंतत: भारत में ही रहने के लिए आ रहे हैं। इसलिए अब हमेशा मेरा परिवार मेरे साथ होगा।’’