जब पृथ्वी शॉ से पहली बार मिले थे सचिन, तभी कह दिया था, 'ये लड़का एक दिन भारत के लिए जरूर खेलेगा'

Sachin Tendulkar and Prithvi Shaw: सचिन तेंदुलकर ने पृथ्वी शॉ की बैटिंग की तारीफ करते हुए कहा है कि वह अनकी अनुकूलन क्षमता के कायल हैं

By अभिषेक पाण्डेय | Published: October 05, 2018 3:54 PM

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नई दिल्ली, 05 अक्टूबर:पृथ्वी शॉ ने अपने पहले ही टेस्ट में शतक जड़कर पूरी दुनिया में धूम मचा दी है। राजकोट टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी पहली ही टेस्ट पारी में पृथ्वी शॉ ने सिर्फ 99 गेंदों में शतक ठोका और वह डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने वाले दुनिया के चौथे और भारत के सबसे युवा बल्लेबाज बन गए। 

पृथ्वी शॉ की बैटिंग की तुलना महानतम क्रिकेटरों में शुमार सचिन तेंदुलकर से की जा रही है। शॉ के कई शॉट सचिन की याद दिलाते हैं। शॉ सचिन को अपना आदर्श मानते हैं और उनके जैसा ही खेलने की कोशिश करते हैं। शॉ 18 साल 329 दिन की उम्र में शतक जड़ते हुए सचिन के बाद भारत के लिए सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गए हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में सचिन तेंदुलकर ने पृथ्वी शॉ की बैटिंग की तारीफ करते हुए कहा है कि वह बहुत तेजी से सीखने वाले हैं और यही चीज उन्हें दूसरों से अलग बनाती है। सचिन ने कहा कि जब करीब एक दशक पहले उन्होंने पहली बार पृथ्वी को खेलते देखा था तभी बता दिया था कि वह एक दिन भारत के लिए जरूर खेलेंगे।

जब सचिन ने 10 साल पहले ही कर दी थी पृथ्वी शॉ को लेकर भविष्यवाणी

ये पूछे जाने पर कि जब उन्होंने पृथ्वी शॉ को पहली बार बैटिंग करते देखा था तो उनकी क्या प्रतिक्रिया थी। तेंदुलकर ने कहा, 'हां, हमने करीब 10 साल पहले बात की थी। एमआईजी के मेरे एक दोस्त जगदीश चव्हाण ने मुझसे पृथ्वी पर एक नजर डालने को कहा था। उन्होंने कहा, एक छोटा सा बच्चा है जो आपसे मिलना चाहता है और अगर आप उससे मिलेंगे तो अच्छा होगा। पृथ्वी अपने खेल के बारे में चर्चा करना चाहते थे और उस समय वह काफी छोटे थे। इसलिए मैंने उनके खेल पर नजर डाली, मैंने उनसे (चव्हाण) कहा, ये लड़का भारत के लिए खेलेगा। मुझे याद है कि मैंने उनसे कहा था कि वह भारत के भविष्य के क्रिकेटर को देख रहे हैं। उन्होंने पूछा आपको पक्का यकीन है? मैंने कहा, मेरे शब्द नोट कर लीजिए, ये लड़का भारत के लिए जरूर खेलेगा।'

पृथ्वी शॉ की अनुकूलता के कायल हैं मास्टर ब्लास्टर

सचिन ने कहा, मैंने उन्हें जितना भी देखा है, 'वह तेजी से सीखने वाले हैं। प्रतिभाशाली होना एक बात है और आप उस प्रतिभा के साथ क्या करते हैं वह ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। अगर आप इंटरनेशनल स्तर पर सफल होना चाहते हैं तो आपको तेजी से सीखने वाला होना चाहिए। और पार्थिव बहुत अच्छा सीखने वाले हैं।' 

सचिन ने कहा, 'अगर किसी को इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करना और उसे बरकरार रखना होता है, और दुनिया भर में अलग मैदानों और परिस्थितियों में क्रिकेट खेलनी होती है तो अनुकूलता सबसे बड़ा फैक्टर बन जाती है। मुझे लगता है कि उनमें विभिन्न स्थितियों और परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने की क्षमता है। मुझे लगता है कि यही पृथ्वी की सबसे बड़ी ताकत है।'

बैक-फुट खेल को लेकर पृथ्वी शॉ को सचिन ने दी थी ये सलाह

ये पूछे जाने पर पृथ्वी शॉ उनके बैक-फुट खेल को लेकर चिंतित थे और उन्होंने सचिन से सलाह ली थी। सचिन ने कहा, 'उसने मुझसे कुछ समय पहले इस बारे में चर्चा की थी। और मैंने उससे पूछा था कि 'क्या तुम इसे लेकर असहज महसूस कर रहे हो?' उसका जवाब था नहीं। तो मैंने कहा कि अनावश्यक रूप से किसी चीज को क्यों बदलना। जब चीजें टूटी नहीं हैं तो आप उसे इसलिए नहीं तोड़ें, ताकि आप उसे फिर से जोड़ सकें। अगर आप सामंजस्य बिठाने के काबिल हैं तो ये ठीक है। आपके खेल में समय के साथ कई बदलाव होंगे।'

टॅग्स :सचिन तेंदुलकरपृथ्वी शॉभारत Vs वेस्टइंडीज

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