Highlightsनेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में कैफ ने 87 और युवराज ने खेली थई 69 रन की पारीभारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 326 रन का लक्ष्य हासिल करते हुए दो विकेट से हासिल की थी जीत
भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में खेले गए 2002 नेटवेस्ट सीरीज फाइनल को क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन मुकाबलों में से एक गिना जाता है। सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड से मिले 326 रन के लक्ष्य को हासिल करते हुए खिताब अपने नाम कर लिया था।
एक समय भारत ने 158 रन पर 5 विकेट गंवा दिए थे, लेकिन युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ की शतकीय पारी की मदद से भारत ने असंभव लगने वाला लक्ष्य हासिल कर लिया था।
पांच विकेट गिरने के बाद युवराज ने क्रीज पर आते ही आक्रामक बैटिंग की अपनी मंशा स्पष्ट कर दी थी, जबकि मोहम्मद कैफ सिंगल के साथ साझेदारी मजबूत कर रहे थे।
आवश्यक रन रेट बढ़ने के साथ ही कप्तान सौरव गांगुली की चिंता बढ़ती जा रही थी और वह पविलियन से चिल्लाते हुए कैफ को सिंगल लेने और स्ट्राइक देने को कह रहे थे।
कैफ और युवी ने किया नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल से जुड़े महत्वपूर्ण लम्हों का खुलासा
युवराज और कैफ ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक लाइव चैट के दौरान उसके बाद की घटना का खुलासा किया है।
कैफ: ''मुझे याद है दादा चिल्ला रहे थे, सिंगल लो, सिंगल लो, युवराज को स्ट्राइक दो।''
युवराज: ''दादा ने तुमसे मुझे स्ट्राइक देन को कहा, वह चिल्लाते रहे, सिंगल लो, सिंगल लो। और तुमने अगली गेंद पर क्या किया?''
कैफ: ''मुझे अगली गेंद शॉर्ट बॉल मिली, मुझे उन दिनों शॉर्ट गेंदों पर पुल शॉट खेलने की आदत थी, इसलिए मैंने एक पुल शॉट खेला, और गेंद छक्के के लिए चली गई।''
युवराज: ''तुमने छक्का लगाने के बाद क्या किया? तुम मेरे पास आए, मुझसे थम्स अप करते हुए कहा, हम भी खेलने आए हैं (दोनो हंसते हैं)। इसके बाद दादा चुप हो गए। उन्हें अहसास हो गया कि कैफ भी छक्के मार सकते हैं।''
कैफ: (हंसते हुए): मुझे याद है कि कोई पानी लाने को तैयार था क्योंकि दादा मुझे सिंगल लेने का निर्देश देने वाले थे। लेकिन उस छक्के के बाद कोई नहीं आया। दादा कुछ ऐसे थे, 'सब जहां हो वहीं बैठे रहो।'
कैफ ने उस मैच में 75 गेंदों में 6 चौकों और 2 छक्कों कि मदद से 87 रन की नाबाद पारी खेली थी और युवराज ने 69 रन की पारी खेली थी। इन दोनों ने छठे विकेट के लिए 121 रन की साझेदारी करते हुए मैच का नक्शा उलट दिया था।
इन दोनों की पारियों की मदद से भारत ने ये मैच 2 विकेट से जीतते हुए खिताब अपने नाम कर लिया था। सौरव गांगुली ने इस जीत की खुशी में लॉर्ड्स की बॉलकनी में अपनी टी-शर्ट लहराई थी, जो भारतीय क्रिकेट के सबसे यादगार लम्हों में से एक बन गया।