रणजी के इस दिग्गज ने क्रिकेट को कहा अलविदा, कभी नहीं बना सका टीम इंडिया में जगह

फर्स्ट क्लास क्रिकेट में देवेंद्र ने अपना पहला शतक 1996-97 में बंगाल के खिलाफ क्वॉटर फाइनल मैच में लगाया।

By विनीत कुमार | Published: April 1, 2018 03:07 PM2018-04-01T15:07:27+5:302018-04-01T15:08:54+5:30

madhya pradesh devendra bundela retires from first class cricket | रणजी के इस दिग्गज ने क्रिकेट को कहा अलविदा, कभी नहीं बना सका टीम इंडिया में जगह

देवेंद्र बुंदेला

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नई दिल्ली, 1 अप्रैल: सबसे ज्यादा रणजी मैच खेलने का रिकॉर्ड कायम करने वाले मध्य प्रदेश के 41 साल के दिग्गज बल्लेबाज देवेंद्र बुदेंला ने शनिवार को फर्स्ट क्लास क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। करीब सात साल तक मध्य प्रदेश की कप्तानी करने वाले इस दिग्गज के नाम 164 फर्स्ट क्लास मैचों में 43.68 की औसत से 10004 रन हैं। इसमें 26 शतक और 54 अर्धशतक शामिल हैं।

देवेंद्र ने 2016 में सबसे ज्यादा रणजी खेलने के अमोल मजुमदार (137) के रिकॉर्ड को तोड़ा था। यह रिकॉर्ड अब भी उनके नाम है और वे 145 रणजी मैच खेल चुके हैं। वह रणजी में तीसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं। उनके नाम रणजी में 9168 रन हैं। 

उज्जैन से ताल्लुक रखने वाले देवेंद्र ने अपने करीब 25 सालों के क्रिकेट करियर में कई बेहतरीन पारियां खेली लेकिन इसके बावजूद अव टीम इंडिया में अपनी जगह नहीं बना सके। (और पढ़ें- IPL 2018: वीरेंद्र सहवाग खेलेंगे आईपीएल, दिल्ली के खिलाफ करेंगे किंग्स इलेवन पंजाब की ओपनिंग!)

देवेंद्र को हालांकि अंडर-19 में भारत की ओर से खेलने का मौका जरूर मिला जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1995 में अंडर-19 मैच में शिरकत की। इसके ठीक बाद उन्हें 1995-96 सत्र में तमिलनाडु के खिलाफ एक मैच से फर्स्ट क्लास मैचों में डेब्यू का मौका मिला। 

फर्स्ट क्लास क्रिकेट में देवेंद्र ने अपना पहला शतक 1996-97 में बंगाल के खिलाफ क्वॉटर फाइनल मैच में लगाया। वह 1998-99 के फाइनल में पहुंचने वाली मध्य प्रदेश टीम का भी हिस्सा रहे। हालांकि, तब फाइनल में मध्य प्रदेश को कर्नाटक से हार का सामना करना पड़ा था।

देवेंद्र का उच्चतम व्यक्तिगत स्कोर 188 का रहा जो उन्होंने  2016-17 के रणजी सत्र में रेलवे के खिलाफ बनाया। इंदौर के होल्कर स्टेडियम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने रिटायरमेंट की घोषणा करते हुए देवेंद्र ने कहा, 'मुझे लगता है कि जब लोग कहें कि अभी आप और क्रिकेट खेल सकते हैं, तभी संन्यास लेने का भी सही समय होता है। मुझे खुशी है कि जिस चीज को मैं सबसे ज्यादा प्यार करता था, उसमें अपना करियर बना सका। यह मेरे लिए बहुत भावुक कर देने वाला पल भी है लेकिन सभी खिलाड़ियों की जिंदगी में ऐसा मौका आता है।' (और पढ़ें- पीआर स्टंट था वॉर्नर का भावुक होना? प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस महिला की तस्वीर से उठे सवाल)

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