IND vs BAN: साइमन टॉफेल बोले, 'पिंक बॉल' देख पाना अंपायरों के लिए भी चुनौती

एडीलेड में पहले गुलाबी गेंद के टेस्ट के दौरान मौजूद रहे आईसीसी के अंपायर परफोर्मेंस एवं ट्रेनिंग मैनेजर टॉफेल ने कहा कि बेहतर तरीके से देखने के लिए अंपायर कृत्रिम लेंस का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

By भाषा | Published: November 19, 2019 08:35 PM2019-11-19T20:35:45+5:302019-11-19T20:35:45+5:30

India vs Bangladesh: Umpires Should Attend Training Sessions to Get Used to Pink Ball: Taufel | IND vs BAN: साइमन टॉफेल बोले, 'पिंक बॉल' देख पाना अंपायरों के लिए भी चुनौती

IND vs BAN: साइमन टॉफेल बोले, 'पिंक बॉल' देख पाना अंपायरों के लिए भी चुनौती

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संन्यास ले चुके आस्ट्रेलिया के अंपायर साइमन टॉफेल ने मंगलवार को कहा कि अंधेरा घिरने के समय गुलाबी गेंद को देख पाना बल्लेबाजों के लिए ही नहीं बल्कि अंपायरों के लिए भी चुनौती होगी। उन्होंने साथ ही कहा कि नए रंग का आदी होने के लिए अंपायरों के कुछ अभ्यास सत्र में हिस्सा लेने की उम्मीद है। एडीलेड में पहले गुलाबी गेंद के टेस्ट के दौरान मौजूद रहे आईसीसी के अंपायर परफोर्मेंस एवं ट्रेनिंग मैनेजर टॉफेल ने कहा कि बेहतर तरीके से देखने के लिए अंपायर कृत्रिम लेंस का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

खेल के सर्वश्रेष्ठ अंपायरों में से एक रहे टॉफेल ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि वह गेंद को अलग तरह से देखने के लिए किसी तरह के विशेष लेंस का उपयोग करेंगे या नहीं। यह पूरी तरह से उन पर निर्भर करता है। लेकिन वह जितना अधिक संभव तो उतने नेट सत्र में हिस्सा लेंगे।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘वे नेट सत्र और सामंजस्य बैठाने की गतिविधियों से गुजरेंगे। अंधेरा घिरने का समय भी होगा जब लाइट में बदलाव आएगा और सूरज की रोशनी की जगह कृत्रिम रोशनी लेगी। गेंद को देखने के लिए बल्लेबाज के सामने यह सबसे चुनौतीपूर्ण समय होगा। मैं अंपायरों के लिए भी इसी तरह की चुनौती की उम्मीद कर रहा हूं। अंपायरों के लिए भी यह उतना ही कड़ा और चुनौतीपूर्ण होगा।’’ 

यह ऑस्ट्रेलियाई अंपायर अपनी किताब ‘फाइंडिंग द गैप्स’ के प्रचार के लिए भारत आया है और उनके कोलकाता में एतिहासिक टेस्ट के दौरान मौजूद रहने की संभावना है। टॉफेल का मानना है कि बांग्लादेश के खिलाड़ी अधिक सतर्कता के साथ खेलेंगे क्योंकि उन्हें गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव नहीं है। भारत के कई क्रिकेटरों ने घरेलू क्रिकेट में गुलाबी गेंद से खेला है लेकिन बांग्लादेश ने एकमात्र चार दिवसीय दिन-रात्रि मैच 2013 में खेला था और मौजूदा टीम के किसी भी सदस्य ने उस मैच में हिस्सा नहीं लिया था। 

टॉफेल ने कहा, ‘‘मुझे जानकारी नहीं है कि बांग्लादेश ने गुलाबी गेंद से प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला है या नहीं। दोनों टीमों के बीच उनके (बांग्लादेश) के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि उन्हें खेल के सबसे कड़े प्रारूप जिसे खेल का शीर्ष माना जाता है, उसे नए रंग की गेंद से खेलना है जिसके वे आदी नहीं हैं।’’

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