IND vs SA: डिकॉक के संन्यास से दक्षिण अफ्रीका का बल्लेबाजी क्रम और अधिक कमजोर हो गया, कप्तान डीन एल्गर बोले- ‘स्तब्ध’ हूं

IND vs SA: अनुभवी क्विंटन  डिकॉक का टीम में नहीं होना निराशाजनक है। खिलाड़ी के संन्यास लेने के बाद भी खेल आगे बढ़ता रहता है।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 2, 2022 08:11 PM2022-01-02T20:11:40+5:302022-01-02T20:12:47+5:30

IND vs SA Quinton de Kock shocks cricket Test retirement batting order Hashim Amla Captain Dean Elgar was 'shocked'  | IND vs SA: डिकॉक के संन्यास से दक्षिण अफ्रीका का बल्लेबाजी क्रम और अधिक कमजोर हो गया, कप्तान डीन एल्गर बोले- ‘स्तब्ध’ हूं

यह खेल का हिस्सा है, यह आपके नियंत्रण से बाहर है। मुझे गलत ना समझा जाये लेकिन क्विंटन का न होना मेरे लिए निराशाजनक है।

googleNewsNext
Highlightsकुछ बड़े खिलाड़ियों के संन्यास को देखने का अनुभव हुआ है।मुझे इस बात का एहसास है कि किसी के कारण खेल नहीं रुकता है। करियर के दौरान कई शीर्ष क्रिकेटरों को संन्यास लेते देखा है।

IND vs SA: पूर्व स्टार बल्लेबाज हाशिम अमला का मानना है कि अनुभवी क्विंटन डिकॉक के टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने से दक्षिण अफ्रीका का पहले से ही कमजोर बल्लेबाजी क्रम और अधिक कमजोर हो गया है।

विकेटकीपर बल्लेबाज डिकॉक ने पिछले हफ्ते पारिवारिक कारणों से टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया था लेकिन यह 29 वर्षीय खिलाड़ी सीमित ओवरों के प्रारूप में खेलता रहेगा। अमला डिकॉक के संन्यास लेने से चिंतित हैं क्योंकि यह उस समय लिया गया जब मेजबान टीम भारत के खिलाफ तीन मैचों की मौजूदा श्रृंखला का पहला टेस्ट गंवाकर पहले ही 0-1 से पीछे चल रही है।

‘स्पोर्ट24’ ने अमला के हवाले से कहा, ‘‘मध्य क्रम में हमारे दो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज तेंबा (बावुमा) और क्विंटन हैं। अब क्विंटन ने टेस्ट क्रिकेट में नहीं खेलने का फैसला किया है तो इससे बल्लेबाजी क्रम और कमजोर होगा, इसके कारण तेंबा को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आना होगा- तीसरे या चौथे स्थान पर, जिससे कि वह बल्लेबाजी क्रम को उबारने की जगह मजबूत करने की भूमिका निभाए।’’

अमला का हालांकि मानना है कि दक्षिण अफ्रीका की टीम अब भी वापसी कर सकती है और भारत के खिलाफ कभी घरेलू श्रृंखला नहीं गंवाने के रिकॉर्ड को बरकरार रख सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर वापसी का रास्ता है लेकिन इसके लिए लंबे समय तक बेहद एकाग्रता और थोड़े भाग्य की जरूरत होगी।’’

अमला ने कहा, ‘‘(कप्तान) डीन (एल्गर) और ऐडन मार्कराम स्तरीय खिलाड़ी हैं जिनमें शतक जड़ने की भूख है और अगर वे लय हासिल करते हैं तो इससे निश्चित तौर पर युवा खिलाड़ियों को आत्मविश्वास मिलेगा।’’ सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क पर पहले टेस्ट में दक्षिण अफ्रकी टीम 197 और 191 रन ही बना सकी थी और उसे भारत के खिलाफ 113 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

नौ हजार से अधिक टेस्ट रन बनाने वाले पूर्व कप्तान अमला ने कहा कि पहले टेस्ट का नतीजा ‘उचित’ था। अपने करियर के दौरान सेंचुरियन में वेस्टइंडीज (2014) और इंग्लैंड (2016) के खिलाफ दो दोहरे शतक जड़ने वाले अमला ने कहा, ‘‘यह उचित नतीजा था।

सेंचुरियन कुख्यात है कि मैच आगे बढ़ने के साथ बल्लेबाजी और अधिक मुश्किल हो जाती है। इसलिए भारत ने जब टॉस जीता, बल्लेबाजी की और 300 से अधिक रन बनाए तो दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों के लिए चुनौती थी कि वे कम से कम इस स्कोर की बराबरी करें। 130 रन से पिछड़ने का उन्हें बेहद नुकसान हुआ और इससे अंतर पैदा हुआ।’’ 

डिकॉक के संन्यास से ‘स्तब्ध‘ एल्गर चाहते है कि खिलाड़ी इससे पेशेवर तरीके से निपटे

दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक के टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने से ‘स्तब्ध’ थे लेकिन उन्हें उम्मीद है कि उनकी टीम इस झटके से उबर कर भारत के खिलाफ मौजूदा श्रृंखला को बराबर करने का प्रयास करेगी।

डिकॉक ने भारत के खिलाफ शुरुआती टेस्ट के के बाद महज 29 साल की उम्र में खेल के इस पारंपरिक प्रारूप से संन्यास की घोषणा कर दी थी। उनकी टीम गुरुवार को सेंचुरियन में खत्म हुए टेस्ट मैच में 113 रन से हार गयी थी। एल्गर ने यहां ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं काफी चौंक गया था। लेकिन जब क्विनी (क्विंटन डिकॉक) के साथ बैठा तक उन्होंने अपने कारण बताए और मैं उनके फैसले का सम्मान करता हूं और पूरी तरह समझता हूं।’’

एल्गर से जब पूछा गया कि क्या उनके संन्यास से दूसरे खिलाड़ी प्रभावित होंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि कोई भी खिलाड़ी प्रभावित होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की तरह पेश आये और आगे बढ़े। हमें इसे लेकर पेशेवर होने की जरूरत है।  हम अभी एक टेस्ट श्रृंखला के बीच में है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि डिकॉक के संन्यास का किसी पर कोई असर होगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ खिलाड़ी परिस्थितियों का सम्मान करते हैं। हम महसूस करते हैं कि हाल के दिनों में हमें कुछ झटके लगे हैं और हमें स्पष्ट रूप से इसके बारे में समझदार होना चाहिए।

इससे उबरना होगा। मुझे नहीं लगता कि खिलाड़ी अभी भी संन्यास से सदमे में हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या यह टेस्ट क्रिकेट के लिए एक गलत मिसाल कायम करेगा, जिसमें प्रतिभाशाली खिलाड़ी सफेद गेंद वाले क्रिकेट में मिलने वाली बड़ी रकम के लिए लाल गेंद का खेल छोड़ देंगे।

एल्गर ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि उनका निर्णय आगे चलकर टेस्ट क्रिकेट को खतरे में डालने वाला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ संन्यास लेने के लिए उनके अपने कारण और विकल्प थे। हम एक समूह के रूप में इसका पूरी तरह से सम्मान करते हैं और हमें एक समूह के रूप में इसे पीछे छोड़कर आगे बढ़ना होगा।’’

Open in app