'लक्ष्मण को कभी इतने गुस्से में नहीं देखा था:' रैना ने किया 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की शानदार टेस्ट जीत को याद

Suresh Raina, VVS Lasman: स्टार बल्लेबाज सुरेश रैना ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2010 में मोहाली टेस्ट में टीम इंडिया की एक विकेट से रोमांचक जीत को याद किया

By अभिषेक पाण्डेय | Published: June 3, 2020 12:21 PM2020-06-03T12:21:00+5:302020-06-03T12:21:00+5:30

I Had never seen Laxman so angry: Suresh Raina recalls Test match against Australia at Mohali in 2010 | 'लक्ष्मण को कभी इतने गुस्से में नहीं देखा था:' रैना ने किया 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की शानदार टेस्ट जीत को याद

रैना ने किया 2010 में भारत की टेस्ट जीत में लक्ष्मण के नाराज होने का खुलासा (Twitter)

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Highlightsभारत ने 2010 के मोहाली टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया पर एक विकेट से रोमांचक जीत दर्ज की थीभारत के दूसरी पारी में 124 रन पर 8 विकेट गिरने के बाद लक्ष्मण ने खेली थी 73 रन की शानदार पारी

राहुल द्रविड़ के साथ अगर सबसे शांत भारतीय क्रिकेटरों में से किसी एक का नाम लेना हो तो दिमाग में वीवीएस लक्ष्मण का नाम ही आएगा। कई शानदार पारियां खेलने वाले इस खिलाड़ी को मैदान पर गुस्सा होते बहुत कम देखा गया। 

लेकिन टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज सुरेश रैना ने उस दुर्लभ पल का खुलासा किया है जब बेहद कूल माने जाने वाल वीवीएस लक्ष्मण को भी गुस्सा आ गया था। 

रैना ने कहा, 'लक्ष्मण को कभी इतने गुस्से में नहीं देखा था' 

ये घटना ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2010 में मोहाली में खेले गए सीरीज के पहले टेस्ट के दौरान घटी थी। उस टेस्ट में पीठ दर्द के बावजूद लक्ष्मण ने शानदार पारी खेलते हुए भारत को ऑस्ट्रेलिया पर एक विकेट से रोमांचक जीत दिलाई थी।

रैना ने पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा को दिए यूट्यूब इंटरव्यू में कहा, 'लक्ष्मण को पीठ दर्द था, इसलिए मुझे रनर के रूप में जाना पड़ा। मैंने लक्ष्मण को कभी इतने गुस्से में नहीं देखा था। वह चिल्ला रहे थे, दौड़े ओझा दौड़ो! उसके पहले उनके साथ इशांत शर्मा थे। मिशेल जॉनसन गेंद को रिवर्स करा रहे थे।'

भारतीय पारी के अंत में लक्ष्मण के रनर के तौर पर उतरे रैना ने कहा कि वह लक्ष्मण का विकेट बचाने के लिए पूरी तरह तैयार थे। रैना ने कहा, 'मैं डाइव लगाने के लिए तैयार था। मैंने फैसला किया कि मुझे जरा भी संशय होगा तो मैं डाइव लगाऊंगा क्योंकि लक्ष्मण को वहां टिकना है।'

216 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 124 रन पर 8 विकेट गंवा दिए थे। अभी भी 92 रन की जरूरत थी और लक्ष्मण के पास केवल इशांत और प्रज्ञान ओझा का साथ था। उस स्थिति में लक्ष्मण ने नौवें विकेट के लिए इशांत के साथ पहले 81 रन जोड़े और इशांत के 32 रन बनाकर आउट होने के बाद जब भारत को जीत के लिए 11 रन की जरूरत थी। लक्ष्मण को रनर लेना पड़ा और वह हर ओवर की आखिरी गेंद पर सिंगल लेकर स्ट्राइक अपने पास रखने के लिए ओझा पर कई बार चिल्ला पड़े।

लक्ष्मण ने 73 रन की नाबाद पारी खेली और ओझा (5) भी अविजित रहने में कामया रहे और भारतीय टीम ने एक विकेट से रोमांचक जीत दर्ज करते हुए सीरीज में बढ़त हासिल कर ली। कुछ ही हफ्तों पहले श्रीलंका के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू करने वाले लक्ष्मण ने उस मैच की पहली पारी में 86 रन की शानदार पारी खेली थी।

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