भुवनेश्वर कुमार ने सनराइजर्स के लिए खेलने को बताया टर्निंग पॉइंट, कहा, 'मैं हमेशा यॉर्कर फेंक सकता था, फिर इसे भूल गया'

Bhuvneshwar Kumar: टीम इंडिया के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि शुरू में बेहतरीन यॉर्कर फेंकने के बाद बाद में वह इसे भूल गए थे, लेकिन सनराइजर्स के लिए खेलकर हासिल की थी लय

By भाषा | Published: June 26, 2020 03:55 PM2020-06-26T15:55:01+5:302020-06-26T15:55:01+5:30

I always had the ability to bowl yorkers but then lost it, Says Bhuvneshwar Kumar | भुवनेश्वर कुमार ने सनराइजर्स के लिए खेलने को बताया टर्निंग पॉइंट, कहा, 'मैं हमेशा यॉर्कर फेंक सकता था, फिर इसे भूल गया'

भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि उनमें हमेशा से ही यॉर्कर फेंकने की क्षमता थी (PTI)

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Highlightsमैं यॉर्कर डाल सकता था लेकिन फिर मैं इसे भूल गया: भुवनेश्वर कुमारसनराइजर्स के लिए खेलते हुए मैंने दबाव से निपटना सीखा और ये टर्निंग पॉइंट रहा: भुवी

नई दिल्ली: भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के लिये खेलना उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा क्योंकि इसी दौरान उन्होंने अंतिम ओवरों में गेंदबाजी के दबाव से निपटना सीखा। भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आक्रमण में से हैं और भुवनेश्वर इसके अहम गेंदबाज हैं जिसमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और उमेश यादव शामिल हैं।

भुवनेश्वर ने कहा कि उनमें हमेशा से यॉर्कर गेंद फेंकने की काबिलियत थी लेकिन 2014 में सनराइजर्स टीम से जुड़ने के बाद उन्होंने महत्वपूर्ण क्षणों में इसे फेंकने का हुनर सीखा।

सनराइजर्स के लिए खेलते हुए दबाव से निपटना सीखा: भुवनेश्वर कुमार

भुवनेश्वर ने दीप दास गुप्ता ने क्रिकेटबाजी शो में कहा, ‘‘मैं यॉर्कर डाल सकता था लेकिन फिर मैं इसे भूल गया। सनराइजर्स हैदराबाद में वे मुझसे पारी के शुरू में और अंत में गेंदबाजी कराना चाहते थे। 2014 में मैंने 14 मैच खेले, मैंने इस दौरान दबाव से निपटना सीखा और यह टर्निंग प्वाइंट रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने नयी चीजें सीखीं, विशेषकर अंतिम ओवरों में दबाव से निपटना सीखा (सनराइजर्स के लिये खेलते हुए)।’’

वनडे में 132 और टेस्ट में 63 विकेट चटकाने वाले भुवनेश्वर ने कहा कि जब वह खुद को मैचों में नतीजों के बारे में सोचने से दूर रखते हैं तो वह हमेशा सफल रहते हैं जैसे कि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी। उन्होंने कहा, ‘‘एमएस धोनी की तरह, मैं खुद को नतीजे के बारे में सोचने से दूर रखने की कोशिश करता हूं और छोटी छोटी चीजों पर ध्यान देता हूं। इससे अपनी इच्छानुसार नतीजा हासिल करने में मदद मिलती है।’’

भुवनेश्वर ने कहा कि लॉकडाउन में खुद को प्रेरित करना था मुश्किल (File Photo)
भुवनेश्वर ने कहा कि लॉकडाउन में खुद को प्रेरित करना था मुश्किल (File Photo)

लॉकडाउन में 15 दिन बाद खुद को प्रेरित करना था मुश्किल: भुवी

उन्होंने कहा, ‘‘आईपीएल के दौरान जब मेरे कुछ सत्र अच्छे रहे तो मैं इसी दौर में था। मैं अपनी प्रक्रिया के बारे में इतना ध्यान लगाता था कि नतीजा हमेशा ‘दूसरा स्थान’ ले लेता था। और परिणाम सकारात्मक ही आता था।’’ कोविड-19 महामारी के कारण खेल से दूर रखकर कैसे प्रेरित कर रहे हैं तो भुवनेश्वर ने कहा कि यह आसान नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं लॉकडाउन के पहले 15 दिन काफी प्रेरित था। कोई भी नहीं जानता था कि यह कितने दिन रहेगा और मेरे पास घर में भी एक्सरसाइज के लिये उपकरण नहीं थे। हमने सोचा कि चीजें दो महीनों में बेहतर हो जायेंगी।’’

भुवनेश्वर ने कहा, ‘‘ लेकिन 15 दिन बाद मुझे खुद को प्रेरित करने में मुश्किल आने लगी। फिर मैंने घर पर ही उपकरण मंगवा लिये और तब से चीजें थोड़ी सुधर गयी हैं। मैं इस लॉकडाउन से खुद को और बेहतर करके वापस आना चाहता हूं। मैदानी प्रदर्शन अलग बात है, लेकिन मैं अपनी फिटनेस पर काम कर सकता हूं।’’ 

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