...जब महेंद्र सिंह धोनी के लिए तोड़ना पड़ा नियम, ऐसे मिला था टीम इंडिया को 'माही'

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है...

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: August 15, 2020 10:51 PM2020-08-15T22:51:14+5:302020-08-15T22:51:14+5:30

How the gamble of picking Dhoni as skipper paid off for Vengsarkar | ...जब महेंद्र सिंह धोनी के लिए तोड़ना पड़ा नियम, ऐसे मिला था टीम इंडिया को 'माही'

...जब महेंद्र सिंह धोनी के लिए तोड़ना पड़ा नियम, ऐसे मिला था टीम इंडिया को 'माही'

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अपनी लाजवाब कप्तानी और ‘फिनिशिंग’ के हुनर से महानतम क्रिकेटरों में शुमार दो बार के विश्व कप विजेता भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर पिछले एक साल से उनके भविष्य को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगा दिया। वह हालांकि इंडियन प्रीमियर लीग में खेलेंगे जो 19 सितंबर से यूएई में आयोजित की जा रही है।

दिलीप वेंगसरकर को प्रतिभाओं को तलाशने के मामले में भारत के सबसे अच्छे चयनकर्ताओं में से एक माना जाता है जिन्होंने पहली बार आयु वर्ग के क्रिकेट में राष्ट्रीय टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली की प्रतिभा को पहचाना था।

इस पूर्व कप्तान के चयनसमिति के अध्यक्ष के तौर पर 2006 से 2008 का कार्यकाल आने वाले चयनकर्ताओ के लिए एक पैमाना बना क्योंकि उनके चयनकर्ता रहते हुए महेन्द्र सिंह धोनी कप्तान बने और उन्होंने विराट कोहली का पक्ष लिया।

कुछ महीनों पहले एक इंटरव्यू में वेंगसरकर ने कहा, ‘‘प्रतिभा को परखना मेरा काम था। आप प्रतिभा को परखने में अच्छे हो सकते हैं लेकिन अगर कोई प्रतिभावान है तो उसे मौका मिलना चाहिए।’’

वेंगसरकर का मानना है कि वह चयनसमिति के अध्यक्ष पद से न्याय करने में इसलिए सफल रहे क्योंकि वह बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के प्रतिभा अनुसंधान विकास विभाग (टीआरडीडब्ल्यू) से जुड़े थे जिसने धोनी जैसे क्रिकेटर की प्रतिभा को तलाशा था। टीआरडीडब्ल्यू हालांकि अब अस्तित्व में नहीं है।

महेंद्र सिंह धोनी आईपीएल के सफल कप्तानों में से एक हैं।
महेंद्र सिंह धोनी आईपीएल के सफल कप्तानों में से एक हैं।

वेंगसरकर ने कहा, ‘‘टीआरडीडब्ल्यू के अध्यक्ष के तौर पर मैंने जूनियर क्रिकेट में कोहली को कई बार देखा था। इसलिए जब मैं चयन समिति का अध्यक्ष बना, तो हमने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के एक इमर्जिंग टीम के दौरे के लिए चुना। मैं वहां था और जब मैंने उसे बल्लेबाजी करते देखा तो मुझे पता था कि वह क्रिकेट में बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार है।’’

उन्होंने बताया कि महेन्द्र सिंह धोनी को 21 साल की उम्र में टीआरडीडब्ल्यू योजना में शामिल किया गया था जबकि इसके लिए 19 साल की उम्र निर्धारित थी। वेंगसरकर ने बताया कि इसके पीछे काफी दिलचस्प कहानी है। उन्होंने कहा बंगाल के पूर्व कप्तान प्रकाश पोद्दार के कहने पर धोनी को इसमें शामिल किया गया था।

पोद्दार जमशेदपुर में एक अंडर-19 मैच देखने गये थे। उसे समय बगल के कीनन स्टेडियम में बिहार की टीम एकदिवसीय मैच खेल रही थी और गेंद बार-बार स्टेडियम के बाहर आ रही थी। इसके बाद पोद्दार ने उत्सुकता हुई की इतनी दूर गेंद को कौन मार रहा है। जब उन्होंने पता किया तो धोनी के बारे मे पता चला। वेंगसरकर ने कहा, ‘‘पोद्दार के कहने पर 21 साल की उम्र में धोनी को टीआरडीडब्ल्यू कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया।’’

(भाषा इनपुट के साथ)

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