नई दिल्ली, 22 जुलाई: 'वह गोली मारता है अपने स्टाइल में वह आक्रामकता का जवाब आक्रामकता से नहीं देता है।' ये शब्द हैं धोनी के एक करीबी दोस्त के, जिन्होंने बताया है कि धोनी मैदान में विपक्षी टीमों के जुबानी हमलों से कैसे निपटते हैं और उसका जवाब एक अलग ही अंदाज से देते हैं।
धोनी नहीं देते खिलाड़ियों को मां-बहन की गाली की इजाजत
इस दोस्त ने कहा, 'गोली मारता है अपने स्टाइल में। वह कहता (धोनी) है कि समस्या ये है कि अगर मैं अपने खिलाड़ियों को मां-बहन की गाली देने की इजाजत दे दूं, तो ये बात विपक्षी टीम को नहीं बल्कि उन्हें ही पूरे दिन परेशान करेगी।'
ये बातें सामने आई भारत सुंदरसेन द्वारा धोनी पर लिखी गई किताब 'द धोनी टच' से। इस दोस्त ने बताया, 'वह आक्रामकता के बहुत ज्यादा प्रदर्शन में यकीन नहीं रखते हैं। उनका मानना है कि अगर उन पर हमला करना चाहते हैं तो अपने तरीके से कीजिए, उनके स्टाइल में नहीं। अगर वह गाली देने में यकीन करते हैं, तो आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है।'
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इस किताब में धोनी से जुड़े कई रोचक किस्सों का जिक्र है। ऐसी ही एक घटना है 2008 में ऑस्ट्रेलिया में खेली गई सीबी सीरीज की। जिसमें मेलबर्न में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 159 रन पर समेट दिया था। 160 रन के लक्ष्य से जब टीम इंडिया 10 रन दूर थी तो धोनी ने ड्रेसिंग रूम से ग्लव्स मंगवाए और साथी खिलाड़ियों को संदेश भिजवाया की जीतने के बाद कोई बॉलकनी में जश्न नहीं मनाएगा।
उस दौरे में शामिल रहे एक खिलाड़ी ने बताया, 'ये धोनी का तरीका था ऑस्ट्रेलियाई टीम को ये बताना कि ये उलटफेर या आकस्मिक नहीं है, बल्कि ये बार-बार होने वाला है। ऑस्ट्रेलियाई टीम से संभाल नहीं सकी और अंदर तक हिल गई।'
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गाली देने वाले ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर को अपने अंदाज में दिया जोरदार जवाब
धोनी के एक और पूर्व साथी खिलाड़ी ने खुलासा किया कि ऑस्ट्रेलियाई टीम का एक ओपनर मैदान पर काफी आक्रामक था और टीम इंडिया के हर खिलाड़ी को दबाव में लाने के लिए स्लेजिंग का सहारा लेता था। धोनी ने उसे अपने स्टाइल में जवाब दिया और अगली बार जब वह ओपनिंग के लिए मैदान में उतरा तो टीम इंडिया के सारे जूनियर्स खिलाड़ी उसका मजाक उड़ाने के लिए बाउंड्री लाइन पर खड़े हो गए और 'सम्मान', 'सम्मान' 'सम्मान' कहने लगे। उस खिलाड़ी ने कहा, 'ये शुक्रिया कहने का माही का तरीका था, ये ले लो सम्मान।'