Highlightsबैगी ग्रीन से बैगी पिंक में रंग परिवर्तन पिंक टेस्ट की शुरुआत का प्रतीक है। स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना है। चारों ओर के स्टैंड और साइन गुलाबी रंग में रंगे होंगे।
AUS vs PAK Test 2024: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम बुधवार से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में पाकिस्तान के खिलाफ तीसरे टेस्ट में उतरेगी। कंगारू टीम तीन मैचों की सीरीज में 2-0 से आगे है। तीसरे टेस्ट की पूर्व संध्या पर गुलाबी रंग की टोपी पहनकर एकत्र हुई। बैगी ग्रीन से बैगी पिंक में रंग परिवर्तन पिंक टेस्ट की शुरुआत का प्रतीक है।
पिंक टेस्ट क्या है? सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए साल के पहले टेस्ट को 'पिंक टेस्ट' कहा जाता है। मैच के दौरान बीच के स्टंप सहित आयोजन स्थल के चारों ओर के स्टैंड और साइन गुलाबी रंग में रंगे होंगे। पिंक टेस्ट के पीछे का मकसद स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना है।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी ग्लेन मैक्ग्रा ने इस बीमारी के कारण अपनी पत्नी जेन को खो दिया। मैकग्राथ ने अपनी पत्नी के स्तन कैंसर का पता चलने के बाद 2005 में मैकग्राथ फाउंडेशन की शुरुआत की। यह फाउंडेशन समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मरीजों और बचे लोगों के लिए धन इकट्ठा करने के लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के साथ साझेदारी करता है। इसकी वेबसाइट के अनुसार, पिंक टेस्ट ने फाउंडेशन को अपनी पहल के लिए 22 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाने में मदद की है।
पहला पिंक टेस्ट कब खेला गया था? पहला पिंक टेस्ट जेन के निधन के एक साल बाद 2009 में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुआ था। ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच 16वां संस्करण होगा।
पिंक टेस्ट में क्या है ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड? ऑस्ट्रेलिया ने अब तक 15 पिंक टेस्ट खेले हैं, जिनमें से आठ में जीत, छह ड्रा और सिर्फ एक में हार मिली है। 2011 में पिंक टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को हराने वाली एकमात्र टीम इंग्लैंड है, जब उसने एक पारी और 83 रनों से जीत हासिल की थी।
पाकिस्तान के खिलाफ नजरें आखिरी टेस्ट खेल रहे डेविड वॉर्नर पर
आस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर होने वाले तीसरे टेस्ट में सभी की नजरें डेविड वॉर्नर पर टिकी होंगी जो अपने कैरियर का आखिरी टेस्ट खेलने जा रहे हैं। आस्ट्रेलिया पर्थ और मेलबर्न टेस्ट के साथ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला पहले ही जीत चुका है। पाकिस्तान ने आखिरी बार आस्ट्रेलिया को किसी टेस्ट में 1985 में एससीजी पर ही हराया था।
वॉर्नर ने नववर्ष पर प्रेस कांफ्रेंस में वनडे क्रिकेट से भी संन्यास लेने का ऐलान किया था। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर वह 2025 आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी में वापसी कर सकते हैं। वह जून में होने वाले टी20 विश्व कप तक टी20 क्रिकेट खेलते रहेंगे। 37 वर्ष के वॉर्नर ने कहा ,‘मैं वनडे क्रिकेट को अलविदा कहने के फैसले से संतुष्ट हूं। भारत में खिताब जीतना खास था।’’
आस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं ने कहा है कि मेलबर्न में 79 रन से जीतने वाली टीम में कोई बदलाव नहीं होगा। पाकिस्तान ने तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी और सलामी बल्लेबाज इमामुल हक को तीसरे टेस्ट से बाहर करने का फैसला किया है । स्पिनर अबरार अहमद दाहिने पैर में चोट के कारण बाहर हैं।
कप्तान शान मसूद ने पहले कहा था कि पाकिस्तान दो स्पिनरों को उतार सकता है । उन्होंने कहा ,‘‘ सिडनी में पिच टर्न ले सकती है । हम ऐसे में अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ संयोजन लेकर उतरना चाहेंगे । हमने आस्ट्रेलिया दौरे के लिये अबरार को रखा था । उसका रिहैबिलिटेशन ठीक चल रहा है लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वह शत प्रतिशत फिट है ।’’
वार्नर की असाधारण प्रतिभा के कारण क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से उनका अनुबंध बना रहा: माइकल क्लार्क
पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क का मानना है कि डेविड वार्नर की असाधारण प्रतिभा के कारण ही यह सुनिश्चित हो पाया कि मैदान के बाहर कुछ मुद्दों के बावजूद इस विस्फोटक सलामी बल्लेबाज का क्रिकेट आस्ट्रेलिया के साथ अनुबंध खत्म नहीं हो। पाकिस्तान के खिलाफ बुधवार से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट मैच के बाद 37 वर्षीय वार्नर इस प्रारूप से संन्यास ले लेंगे।
अपने करियर के दौरान वह विवादों से भी जुड़े रहे जिनमें 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में गेंद से छेड़छाड़ करना भी शामिल है। क्लार्क ने ईएसपीएन के 'अराउंड द विकेट' शो में कहा,‘‘डेवी (वार्नर) शुरू से ही मजबूत इरादों वाला व्यक्ति था। उस जैसा दृढ़ और आक्रामक रवैया रखने वाला खिलाड़ी मुझे टीम में पसंद था।
लेकिन मैदान के बाहर भी उसका रवैया ऐसा ही था जिसके कारण वह परेशानियों में भी पड़ा।’’ वार्नर को 2013 में जब बर्मिंघम के एक बार में जो रूट के साथ झगड़े के कारण निलंबित किया गया था तब क्लार्क ही ऑस्ट्रेलिया के कप्तान थे। इस कारण वार्नर उस साल एशेज के पहले दो टेस्ट मैच में नहीं खेल पाये थे।
क्लार्क ने कहा,‘‘लेकिन मेरा मानना है कि उसे सीनियर खिलाड़ियों और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का काफी समर्थन मिला जिससे उसे अपना अनुबंध बरकरार रखने में मदद मिली। उसे टीम में बनाए रखने के लिए हमें थोड़ा लड़ना भी पड़ा क्योंकि वह टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण खिलाड़ी था। ’’