विश्व बैंक ने कहा है कि साल 2018 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर 7.3 प्रतिशत रह सकती है। विश्व बैंक ने अगले दो सालों के लिए भारत की जीडीपी विकास दर 7.5 प्रतिशत रहने का भी अनुमान जताया है। विश्व बैंक ने कहा कि दूसरे विकासशील देशो की तुलना में भारत सरकार चहुंमुखी विकास के लिए आक्रामक कदम उठा रही है। विश्व बैंक ने कहा है कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) द्वारा मिले शुरुआती झटकों के बावजूद भारत की साल 2017 में जीडीपी विकास दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
विश्व बैंक ने मंगलवार (नौ जनवरी) को अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉसपेक्ट 2018 रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि "इस बात की पूरी संभावना है कि दूसरे विकासशील देशों की तुलना में भारत की आर्थिक विकास दर अगले एक दशक तक काफी ज्यादा रहेगी।"
विश्व बैंक के डेवलपमेंट प्रॉस्पेक्ट्स ग्रुप के निदेशक अयान कोसे ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "हम तत्कालीन मानकों पर ध्यान नहीं दे रहे। हम बड़ी तस्वीर देख रहे हैं और इससे हमें पता चलता है कि भारत के विकास की संभावनाएं असीम हैं।" कोसे ने कहा कि चीन की तुलना में भारत के ज्यादा तेजी से विकास करने का अनुमान है क्योंकि चीन की विकास दर अब सुस्त पड़ती जा रही है। कोसे ने कहा कि पिछले तीन सालों में भारत की विकास दर काफी स्वस्थ रही है।
साल 2017 में चीन की जीडीपी विकास दर 6.8 प्रतिशत रही थी जो भारत से केवल 0.1 प्रतिशत ज्यादा थी। साल 2018 में चीन की जीडीपी विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगले दो सालों में चीन की जीडीपी विकास दर के गिरकर 6.3 और 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।