विप्रो और टेक महिंद्रा को झटका, मुनाफे में गिरावट, इतने करोड़ का नुकसान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 27, 2023 05:18 PM2023-04-27T17:18:05+5:302023-04-27T17:19:11+5:30
विप्रो ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजारों को जनवरी-मार्च तिमाही के नतीजों की जानकारी दी। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 3,087.3 करोड़ रुपये रहा था।
नई दिल्लीः सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की दिग्गज कंपनी विप्रो का वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ 0.4 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 3,074.5 करोड़ रुपये रहा है। इसके साथ ही कंपनी ने 26.96 करोड़ इक्विटी शेयरों की पुनर्खरीद की भी घोषणा की है।
विप्रो ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजारों को जनवरी-मार्च तिमाही के नतीजों की जानकारी दी। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 3,087.3 करोड़ रुपये रहा था। विप्रो के मुताबिक, मार्च तिमाही में उसका राजस्व सालाना आधार पर 11.17 प्रतिशत बढ़कर 23,190.3 करोड़ रुपये हो गया।
समूचे वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का शुद्ध लाभ 7.1 प्रतिशत गिरकर 11,350 करोड़ रुपये पर आ गया। वहीं कंपनी ने बीते वित्त वर्ष में 90,487.6 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया जो वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 14.4 प्रतिशत अधिक है। विप्रो के निदेशक मंडल ने 26.96 करोड़ इक्विटी शेयरों की पुनर्खरीद 445 रुपये प्रति शेयर के भाव पर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
ये शेयर कुल चुकता इक्विटी शेयरों का 4.91 प्रतिशत हैं। शेयर पुनर्खरीद पर करीब 12,000 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। कंपनी ने कहा कि उसके प्रवर्तक समूह और प्रवर्तक सदस्यों ने प्रस्तावित शेयर पुनर्खरीद प्रक्रिया में शामिल होने की मंशा जताई है।
टेक महिंद्रा का चौथी तिमाही का मुनाफा 27 प्रतिशत घटकर 1,179.8 करोड़ रुपये पर
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी टेक महिंद्रा का एकीकृत शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2022-23 मार्च तिमाही में 27 प्रतिशत घटकर 1,179.8 करोड़ रुपये पर आ गया। कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 1,637.9 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
टेक महिंद्रा का समाप्त पूरे वित्त वर्ष 2022-23 का शुद्ध लाभ 5,794.9 करोड़ रुपये से घटकर 5,137.6 करोड़ रुपये रह गया। हालांकि, आलोच्य वित्त वर्ष के दौरान कंपनी की कुल आय 12,436.1 करोड़ रुपये से बढ़कर 14,023.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इस दौरान कंपनी का खर्च भी 10,567.3 करोड़ रुपये से बढ़कर 12,493.8 करोड़ रुपये हो गया।