दुनियाभर की अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत की गिरती अर्थव्यवस्था का गहरी चिंता जताते हुए सरकार को भले ही चेताया हो, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार यह मानने को तैयार नहीं कि देश की अर्थव्यवस्था पर कोई संकट है. कांग्रेस गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर लगातार सरकार पर हमले कर रही है बावजूद इसके सरकार दावा करती आ रही है कि अर्थव्यवस्था सही दिशा की ओर बढ़ रही है और दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.
सरकार कितने भी दावे करें लेकिन आंकड़े बताते है कि अर्थव्यवस्था एक ऐसे दौर में पहुंच गई है कि यदि उस पर सही ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाला समय खतरों से भरा होगा. आईएमएफ ने 15 अक्टूबर को भारत की जीडीपी का अनुमान 7 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी होने की संभावना व्यक्त की है. जबकि विश्व बैंक ने 13 अकटूबर को 2019-20 के लिए जीडीपी की दर 6.8 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी होने का आंकलन बताया है.
फिच ने इसी अवधि में विकास दर 6.6 फीसदी रहने की संभावना व्यक्त की है. जबकि ओईसीडी ने 1.3 फीसदी की गिरावट दिखाकर जो अनुमानित विकास दर दी उसमें यह आंकड़ा 5.9 फीसदी पर जा पहुंचा है. एशियन डव्लपमेंट बैंक के अनुसार विकास दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है और मूडी ने 5.8 फीसदी विकास दर का अनुमान व्यक्त किया है.
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, के अलावा हाल ही में नोबल पुरस्कार से नवाज़े गए प्रो. अभिजीत बनर्जी ने भी देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.
वाणिज्यमंत्री पीयूष गोयल की टिप्पणी ने इस मुद्दे को और विवादित बना दिया है. प्रियंका गांधी ने तो पीयूष गोयल की टिप्पणी पर ट्वििट किया और लिखा ‘मंत्रियों का काम कॉमेडी सरकार चलाना है ना कि अर्थव्यवस्था को सुधराना. उन्होंने तंज कसा कि भाजपा नेता अपना काम करने कीजगह दूसरों की उपलब्धियों को झुठलाने में लगे है . उनको यह नहीं दिख रहा कि देश की अर्थव्यवस्था धराशाही हो रही है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने इसी मुद्दे पर सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने आंकड़े पेश किये यह साबित करने के लिए कि देश कहां पहुंन गया है, बच्चों के पोषण को लेकर भारत की स्थिति नेपाल, पाकिस्तान, बांगलादेश से भी नीचे पहुंच गई है. बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है. बैंकों से लोगों का विश्वास उठ रहा है पीएमसी बैंक संकट ने लोगों के विश्वास को तोड़ा है, उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि पीएमसी बैंक संकट के पीछे भाजपा के नेताओं का हाथ है.