थोक मुद्रास्फीति जुलाई में घटकर पांच माह के निचले स्तर 13.93 प्रतिशत पर

By भाषा | Published: August 16, 2022 04:03 PM2022-08-16T16:03:46+5:302022-08-16T16:05:31+5:30

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने 15.18 प्रतिशत और मई में 15.88 प्रतिशत की रिकॉर्ड ऊंचाई पर थी। 

Wholesale inflation dips to a five-month low of 13.93 per cent in July | थोक मुद्रास्फीति जुलाई में घटकर पांच माह के निचले स्तर 13.93 प्रतिशत पर

थोक मुद्रास्फीति जुलाई में घटकर पांच माह के निचले स्तर 13.93 प्रतिशत पर

Highlightsमुद्रास्फीति पिछले महीने 15.18 प्रतिशत और मई में 15.88 प्रतिशत की रिकॉर्ड ऊंचाई पर थीफरवरी में थोक मुद्रास्फीति 13.43 प्रतिशत पर और पिछले साल जुलाई में 11.57 प्रतिशत पर थीजुलाई में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति घटकर 10.77 प्रतिशत रह गई

नई दिल्ली: खाद्य वस्तुओं और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में नरमी से थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में घटकर 13.93 प्रतिशत पर आ गई। यह इसका पांच माह का निचला स्तर है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने 15.18 प्रतिशत और मई में 15.88 प्रतिशत की रिकॉर्ड ऊंचाई पर थी। 

फरवरी में थोक मुद्रास्फीति 13.43 प्रतिशत पर और पिछले साल जुलाई में 11.57 प्रतिशत पर थी। डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति में जुलाई में लगातार दूसरे महीने गिरावट का रुख देखने को मिला है। पिछले साल अप्रैल यानी 16 माह से यह लगातार दो अंक में बनी हुई है। जुलाई में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति घटकर 10.77 प्रतिशत रह गई, जो जून में 14.39 प्रतिशत थी। 

सब्जियों के दाम जुलाई में घटकर 18.25 फीसदी पर आ गए। इससे पिछले महीने सब्जियों की मुद्रास्फीति 56.75 प्रतिशत पर थी। . ईंधन और बिजली में महंगाई दर जुलाई में 43.75 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने 40.38 फीसदी थी। विनिर्मित उत्पादों और तिलहन की मुद्रास्फीति क्रमशः 8.16 प्रतिशत और -4.06 प्रतिशत थी। 

सीआरसीएल एलएलपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध भागीदार डी आर ई रेड्डी ने कहा कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और उत्पादन लागत का भार अब भी उत्पादकों पर है। इसके असर से खुदरा मुद्रास्फीति अधिक हो गई है।

रेड्डी ने कहा, ''वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, क्योंकि हम धातु, तेल और उर्वरक की मांग में वृद्धि देख रहे हैं। आने वाले वक्त में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और आपूर्ति पक्ष के मुद्दों को हल करने से अगले कुछ महीनों में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी।'' 

भारतीय रिजर्व बैंक मुख्य रूप से मौद्रिक नीति के जरिये मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखता है। खुदरा मुद्रास्फीति लगातार सातवें महीने रिजर्व बैंक द्वारा तय लक्ष्य से ऊपर रही। जुलाई में यह 6.71 प्रतिशत पर थी।

महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बैंक ने इस साल प्रमुख नीतिगत दर रेपो को तीन बार बढ़ाकर 5.40 प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने 2022-23 में खुदरा मुद्रास्फीति के 6.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है।

Web Title: Wholesale inflation dips to a five-month low of 13.93 per cent in July

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