Who Was Ratan Tata: दिग्गज और परोपकारी रतन टाटा ने लाखों लोगों के जीवन को किया प्रभावित?
By सतीश कुमार सिंह | Updated: October 10, 2024 11:07 IST2024-10-10T05:39:57+5:302024-10-10T11:07:06+5:30
Ratan Tata Death LIVE updates: रतन टाटा को उम्र संबंधी समस्याओं और रक्तचाप को नियंत्रित करने के कारण सोमवार (7 अक्टूबर, 2024) को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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Ratan Tata Death LIVE Updates: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार देर रात मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया। टाटा समूह के मानद चेयरमैन 86 वर्ष के थे। पिछले कुछ दिनों से टाटा दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे। टाटा को उम्र संबंधी समस्याओं और रक्तचाप को नियंत्रित करने के कारण सोमवार (7 अक्टूबर, 2024) को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान बताया। उद्योग दिग्गज और परोपकारी व्यक्ति ने कॉर्पोरेट परिदृश्य को आकार दिया।
Industrialist Ratan Tata passes away
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#WATCH | Industrialist Ratan Tata passes away at Breach Candy Hospital in Mumbai.
Glimpses from the life of Ratan Tata, including the launch of Tata Nano, his meeting with Former US President Barack Obama and President Pratibha Patil presenting the Padma Vibhushan, a Civilian… pic.twitter.com/11DlMPhJpq— ANI (@ANI) October 9, 2024
"Extremely pained": PM Modi condoles Ratan Tata's demise
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रतन एन टाटा भारत के सबसे सम्मानित और पसंदीदा उद्योगपतियों में से एक थे। जिन्होंने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और परोपकार सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने योगदान के माध्यम से राष्ट्र के ताने-बाने को छुआ। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे प्रसिद्ध भारतीय बिजनेस लीडर में से एक रतन टाटा विनम्रता और करुणा के साथ-साथ अपनी दूरदर्शिता, बिजनेस कौशल, ईमानदारी और नैतिक नेतृत्व के लिए भी जाने जाते थे। 1991 में टाटा संस के अध्यक्ष और टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला। 2012 में सेवानिवृत्त होने तक दो दशकों से अधिक समय तक टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
#WATCH | Maharashtra: Industrialist Ratan Tata passes away at Breach Candy Hospital in Mumbai.
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Maharashtra CM Eknath Shinde arrives at the Breach Candy Hospital#RatanTatapic.twitter.com/968aMDVbjr
1962 में वास्तुकला स्नातक की डिग्री से सम्मानित
28 दिसंबर 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर जन्मे, रतन टाटा और उनके छोटे भाई जिमी का पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई आर टाटा ने किया था। रतन टाटा 17 साल की उम्र में संयुक्त राज्य अमेरिका में कॉर्नेल विश्वविद्यालय चले गए और सात साल की अवधि में वास्तुकला और इंजीनियरिंग का अध्ययन किया। 1962 में वास्तुकला स्नातक की डिग्री से सम्मानित किया गया था।
Industrialist Ratan Tata passes away.
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Defence Minister Rajnath Singh tweets, "Saddened by the passing away of Shri Ratan Tata. He was a Titan of the Indian industry known for his monumental contributions to our economy, trade and industry. My deepest condolences to his family,… pic.twitter.com/xiWnXXU5WP
#WATCH | Maharashtra: Industrialist Ratan Tata passes away; visuals from Breach Candy Hospital
He was admitted to Breach Candy Hospital in Mumbai. #RatanTatapic.twitter.com/ZIgugsGMEo— ANI (@ANI) October 9, 2024
रतन टाटा को आईबीएम से नौकरी का प्रस्ताव मिला
1955 से 1962 तक अमेरिका में उन्हें काफी प्रभावित किया। उन्होंने पूरे देश की यात्रा की और कैलिफोर्निया तथा वेस्ट कोस्ट की जीवनशैली से मंत्रमुग्ध होकर लॉस एंजिल्स में बसने के लिए तैयार हो गए। यह जादू तब टूटा, जब नवाजबाई की तबीयत खराब हो गई और उन्हें उस जीवन में लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
Tata Group tweets, "It is with a profound sense of loss that we bid farewell to Ratan Naval Tata, a truly uncommon leader whose immeasurable contributions have shaped not only the Tata Group but also the very fabric of our nation...."#RatanTatapic.twitter.com/tlpkpAFCos
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भारत वापस आकर रतन टाटा को आईबीएम से नौकरी का प्रस्ताव मिला। जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा खुश नहीं थे और रतन टाटा द्वारा बायोडाटा भेजने के बाद उन्हें 1962 में समूह की प्रमोटर कंपनी टाटा इंडस्ट्रीज में नौकरी की पेशकश की गई। 1963 में टिस्को जो अब टाटा स्टील है, में शामिल होने से पहले रतन टाटा ने टेल्को, जिसे अब टाटा मोटर्स कहा जाता है, में छह महीने बिताए।
1971 में नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स (एनईएलसीओ) के निदेशक बन गए
उन्हें 1965 में टिस्को के इंजीनियरिंग डिवीजन में तकनीकी अधिकारी नियुक्त किया गया और 1969 में ऑस्ट्रेलिया में टाटा समूह के निवासी प्रतिनिधि के रूप में काम किया। 1970 में, रतन टाटा भारत लौट आए और थोड़े समय के लिए सॉफ्टवेयर नवेली टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में शामिल हो गए और 1971 में नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स (एनईएलसीओ) के निदेशक बन गए।
Tata Group tweets, "It is with deep sorrow that we announce the peaceful passing of our beloved Ratan. We, his brothers, sisters and family, take solace and comfort in the outpouring of love and respect from all who admired him. While he is no longer with us in person, his legacy… pic.twitter.com/EtXHiLw3Pe
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वह 1974 में टाटा संस के बोर्ड में निदेशक के रूप में शामिल हुए। एक साल बाद उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया। रतन टाटा को 1981 में टाटा इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष नियुक्त किया गया और उन्होंने इसे उच्च-प्रौद्योगिकी व्यवसायों के प्रवर्तक के रूप में बदलने की प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने 1983 में टाटा रणनीतिक योजना का मसौदा तैयार किया।
रतन टाटा ने 1991 में टाटा समूह का पुनर्गठन शुरू किया
1986 से 1989 तक राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। रतन टाटा ने 1991 में टाटा समूह का पुनर्गठन शुरू किया और 2000 के बाद सेउनके नेतृत्व में टाटा समूह के विकास और वैश्वीकरण अभियान ने गति पकड़ी। टेटली, कोरस, जगुआर लैंड रोवर, ब्रूनर मोंड, जनरल केमिकल इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स और देवू शामिल हैं।
Prime Minister Narendra Modi tweets, "My mind is filled with countless interactions with Shri Ratan Tata Ji. I would meet him frequently in Gujarat when I was the CM. We would exchange views on diverse issues. I found his perspectives very enriching. These interactions continued… pic.twitter.com/actnWy12Th
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2008 में उन्होंने टाटा नैनो लॉन्च की। वैश्विक स्तर पर सुर्खियां बटोरीं। उन्होंने अग्रणी छोटी कार परियोजना का उत्साह और दृढ़ संकल्प के साथ मार्गदर्शन और संचालन किया। उन्होंने घोषणा की कि नैनो बेस वेरिएंट की कीमत 1 लाख रुपये (एक्स-फैक्ट्री) होगी। टाटा समूह के साथ 50 वर्षों तक जुड़े रहने के बाद रतन टाटा ने टाटा संस के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया और मानद चेयरमैन नियुक्त किया गया।
"It is with a profound sense of loss that we bid farewell to Ratan Naval Tata, a truly uncommon leader whose immeasurable contributions have shaped not only the Tata Group but also the very fabric of our nation," reads a press statement by Tata Sons Chairman N Chandrasekaran. pic.twitter.com/Qhd7oMzUKe
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टाटा संस के चेयरमैन एन चन्द्रशेखरन ने कहा कि रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने अपने नैतिक सिद्धांतों के प्रति सच्चे रहते हुए अपने वैश्विक पदचिह्न का विस्तार किया। परोपकार और समाज के विकास के प्रति श्री टाटा के समर्पण ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक उनकी पहल ने गहरी छाप छोड़ी है जिससे आने वाली पीढ़ियों को लाभ होगा।