Budget 2023: बजट में क्या हुआ सस्ता, क्या महंगा? किन वस्तुओं पर सीमा शुल्क में किया गया बदलाव? जानिए
By अनिल शर्मा | Published: February 1, 2023 02:22 PM2023-02-01T14:22:14+5:302023-02-01T14:30:31+5:30
वित्त मंत्री ने बजट में कृषि और टेक्सटाइल्स के अलावा अन्य सामानों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी रेट्स को 21% से घटाकर 13 प्रतिशत करने का ऐलान किया।
नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया। बजट में कई सामानों पर सीमा शुल्क में रियायत दी गई है। वित्त मंत्री ने बजट में कृषि और टेक्सटाइल्स के अलावा अन्य सामानों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी रेट्स को 21% से घटाकर 13 प्रतिशत करने का ऐलान किया। वहीं, इलेक्ट्रिक किचन चिमनी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 15 प्रतिशत जबकि टीवी पैनल के ओपन सेल्स के कल-पुर्जों पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 2.5 प्रतिशत की गई है।
बजट में इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र को भी राहत दी गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कैमरा लेंस और बाकी कुछ पार्ट्स पर सीमा शुल्क कम किया जाएगा ताकि मोबाइल फोन्स की बिक्री को बढ़ावा मिल सके। वहीं लिथियम-आयन बैटरी वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियां भी सस्ती होंगी। बजट में लिथियम-आयन बैटरी पर कस्टम ड्यूटी रियायत बढ़ाई जाने का ऐलान किया गया।
16 प्रतिशत सीमा शुल्क के बाद महंगी हुई सिगरेट
इन सबके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सिगरेट पर लागू सीमा शुल्क को 16 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की। इस घोषणा के बाद सिगरेट महंगी हो जाएगी। उन्होंने कहा, सिगरेट पर अंतिम बार तीन साल पहले सीमा शुल्क बढ़ाया गया था।
क्या हुआ सस्ता?
- साइकिल
- ऑटोमोबाइल
- इलेक्ट्रिक वाहन
- कुछ मोबाइल फोन के पार्ट्स
- कैमरे के लेंस
- खिलौने
- कपड़ा
- हीरे के गहने
क्या हुआ महंगा?
- सिगरेट
- विदेश से आने वाली चांदी की चीजें
- प्लैटिनम
- देशी किचन की चिमनी
- शराब
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा कि सरकार ने पारंपरिक कारीगरों व शिल्पकारों के लिए सहायता पैकेज की परिकल्पना की है। उन्होंने आगे कहा, "यह योजना उन्हें एमएसएमई वैल्यू चेन के साथ एकीकृत करते हुए अपने उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने व पहुंच में सुधार करने में सक्षम बनाएगी।"
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में बुनियादी ढांचा विकास पर पूंजीगत व्यय 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की घोषणा की गई है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.3 प्रतिशत बैठता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि हाल में स्थापित अवसंरचना वित्त सचिवालय की मदद से और निजी निवेश आकर्षित किया जा सकेगा।
सीतारमण ने कहा, ‘‘पूंजीगत निवेश की रूपरेखा लगातार तीसरे वर्ष उल्लेखनीय रूप से बढ़ाई गई है। इसे 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया है जो जीडीपी का 3.3 फीसदी होगा।’’ उन्होंने कहा कि यह 2019-20 की तुलना में लगभग तीन गुना होगा।