'दूरसंचार क्षेत्र की कठिनायी समझ रही है सरकार, चाहती है एक सरकारी,3 निजी कंपनियां बनी रहें'

By भाषा | Published: November 16, 2019 05:07 AM2019-11-16T05:07:45+5:302019-11-16T05:07:45+5:30

कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविंदर टक्कर ने तिमाही परिणाम के बाद निवेशकों के साथ चर्चा में शुक्रवार को कहा कि सरकार दूरसंचार कंपनियों की ‘भारी दबाव’ को समझती है।

Vodafone Idea is confident that the government wants to bring the telecom sector back on track | 'दूरसंचार क्षेत्र की कठिनायी समझ रही है सरकार, चाहती है एक सरकारी,3 निजी कंपनियां बनी रहें'

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsकंपनी को सितंबर तिमाही में एकीकृत आधार पर 50,921 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि कंपनी लगातार वित्तीय ऋणदाताओं के संपर्क में है।

वोडाफोन आइडिया को विश्वास है कि सरकार दूरसंचार क्षेत्र को पुन पटरी पर लाना चाहती है और इस बाजार में कम से कम तीन निजी और एक सरकारी कंपनी बनी रहे। कंपनी को लगता है कि केंद्र क्षेत्र को मौजूदा संकट से उबारने के लिये विस्तृत समाधान पेश करने की तैयारी कर रही है।

कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविंदर टक्कर ने तिमाही परिणाम के बाद निवेशकों के साथ चर्चा में शुक्रवार को कहा कि सरकार दूरसंचार कंपनियों की ‘भारी दबाव’ को समझती है। वह चाहती है कि क्षेत्र पुन: पटरी पर लौटे तथा इस क्षेत्र में तीन निजी तथा एक सरकारी कंपनी बनी रहे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस बारे में सरकार द्वारा जल्दी ही कदम उठाने की उम्मीद है।’’ टक्कर ने कहा कि कंपनी की सरकार के साथ सकारात्मक बातचीत हो रही है। दूरसंचार क्षेत्र की बदहाल स्थिति पर यह चर्चा उच्चतम न्यायालय द्वारा नियामकीय बकाये पर दिये गये फैसले से पहले से ही चल रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी बातचीत में सरकार की प्रतिक्रिया बेहद अनुकूल रही। उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र देश के लिये बहुत महत्वपूर्ण है, डिजिटल इंडिया मुहिम के लिये बहुत महत्वपूर्ण है, अत: वे इस क्षेत्र को पुन: बेहतर बनाना चाहते हैं। ’’ टक्कर ने न्यूनतम शुल्क तय किये जाने संबंधी एक सवाल पर कहा, मैं इस बात का अनुमान नहीं लगाना चाहता हूं कि न्यूनतम दर की व्यवस्था पर कैसे अमल किया जायेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह जानते हैं कि नियामक और सरकार इस बारे में विचार कर रही है तथा इसे लागू किया जा सकता है। हम जानते हैं कि यह कुछ अन्य देशों में किया जा चुका है, लेकिन मैं इस बात का कयास नहीं लगाना चाहता हूं कि वे क्या लागू करने वाले हैं या किस तरह लागू करने वाले हैं।’’

कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि कंपनी लगातार वित्तीय ऋणदाताओं के संपर्क में है। हालांकि उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि कंपनी ने कोई अग्रिम भुगतान किया है। उन्होंने कहा, ‘‘समय-समय पर कुछ बैंकों ने हमसे इस बात का अनुरोध किया है कि हम किस्त का समय से पहले भुगतान कर दें, लेकिन हमने मना कर दिया। हमारी ऋणदाताओं के साथ भागीदारी जारी है लेकिन हमने समय से पहले भुगतान नहीं किया है।’’

मूंदड़ा ने परिचालन के लिये वित्त पोषण के बारे में पूछे जाने पर कहा कि कंपनी के पास इस तरह के मजबूत भागीदार हैं और वे इसके जरिये हमें सहायता मुहैया करा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कंपनी को सितंबर तिमाही में एकीकृत आधार पर 50,921 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। यह किसी भी भारतीय कंपनी को एक तिमाही में हुआ अब तक का सबसे बड़ा घाटा है।

Web Title: Vodafone Idea is confident that the government wants to bring the telecom sector back on track

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