PNB का करोड़ों का फ्रॉड आया सामने, बैंक दे चुका है विजय माल्या को 800 करोड़ रुपए का लोन
By रामदीप मिश्रा | Published: February 14, 2018 09:19 PM2018-02-14T21:19:28+5:302018-02-14T21:31:29+5:30
PNB ने अनाधिकृत लेन देन के संबंध में शामिल किसी शख्स या कंपनी का नाम नहीं लिया है। उसका कहना है कि वह इस बात का आकलन बाद में करेगा कि इन लेनदेन की वजह से उसकी कोई देनदारी बनती है या नहीं।
भारत में दूसरे सबसे बड़े राष्ट्रीयकृत बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की मुबंई शाखा में लगभग 1.171 अरब डॉलर यानि 11,334.4 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के लेनदेन सामने आए, जिसमें बैंक ने माना है कि उसकी मुंबई स्थित शाखा से "जालसाजी वाले" और "अनाधिकृत" लेन-देन हुए हैं। जिन बैंक खातों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा काम किया गया है वे विदेशी खाताधारकों के बताए जा रहे हैं।
किंगफिशर एयरलाइंस के लिए दिया था लोन
कहीं ऐसा तो नहीं है कि इस फ्रॉड का संबंध देश से भगोड़ा घोषित विजय माला से भी हो, क्योंकि विजय माल्या को पीएनबी 800 करोड़ रुपए का कर्ज दे चुका है। इस संबंध में पीएनबी की प्रमुख ऊषा अनंतसुब्रमण्यन साल 2016 में कह चुकी हैं कि विजय माल्या को 800 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया है, जिसका उनको पूर्ण भुगतान करना पड़ेगा। बैंक ने माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को बढ़ाने के लिए कर्ज दिया था।
इन बैंकों ने दिया था लोन
माल्या पर जिन 16 बैंको का कर्ज हैं उनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का 1600 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक का 800 करोड़, आईडीबीआई बैंक का 800 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया का 650 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा का 550 करोड़, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का 430 करोड़, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 410 करोड़, यूको बैंक का 320 करोड़, कॉरपोरेशन बैंक ऑफ इंडिया का 310 करोड़, सेंट्र बैंक ऑफ मैसूर का 150 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक का 140 करोड़, फेडरल बैंक का 90 करोड़, पंजाब सिंध बैंक का 60 करोड़, एक्सिस बैंक का 50 करोड़ रुपए है।
खाताधारकों की हो सकती है मिलीभगत
हालांकि पीएनबी ने अनाधिकृत लेन देन के संबंध में शामिल किसी शख्स या कंपनी का नाम नहीं लिया है। उसका कहना है कि वह इस बात का आकलन बाद में करेगा कि इन लेनदेन की वजह से उसकी कोई देनदारी बनती है या नहीं। वहीं बैंक द्वारा नियामक संस्था को दी गई जानकारी में कहा गया है कि इस धोखाधड़ी में खाताधारकों की मिलीभगत की भी आशंका है।
बैंक ने ईडी को दी जानकारी
बैंक के अनुसार, इन लेन-देन के आधार पर दूसरे बैंकों ने इन ग्राहकों को एडवांस पैसे दिए। हालांकि पीएनबी ने ये नहीं बताया कि इन जाली लेन-देन से उसे कितना कारोबारी नुकसान हुआ। पीएनबी ने मामले की जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दे दी है ताकि दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जा सके।
बैंक के शेयरों की कीमत भी गिरी
वहीं, घपलेबाजी के खुलासे बाद बुधवार को बैंक के शेयरों की कीमतों में करीब 10 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में बीते तीन महीनों में पीएनबी के शेयर इतने निचले स्तर पर किसी दिन नहीं आए। बुधवार को मार्केट खुलने पर पीएनबी के शयरों की कीमत 160 रुपये थी, लेकिन मार्केट बंद होते-होते यह 15.85 टूटकर 144.70 पर बंद हुआ। 2017 के शुरुआत में पीएनबी की शेयरों की कीमत 140.2 रुपये थी। पूरे साल रिकॉर्ड बेहतर और कड़ी मेहनत के बाद 26 सितंबर 2017 को पीएनबी अपनी रिकॉर्ड उचाई 213.2 तक पहुंचा था।