वेदांता के नैनो चिप परियोजना को लग सका है बड़ा धक्का, केंद्र फंडिंग से कर सकती है इनकार

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 31, 2023 10:43 AM2023-05-31T10:43:23+5:302023-05-31T10:50:09+5:30

केंद्र सरकार वेदांता समूह के महत्वाकांक्षी चिप उद्यम के लिए धन देने से इनकार करने कर सकती है। अनिल अग्रवाल की वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड और ताइवान की होन हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री कंपनी चिप प्रोजेक्ट को संयुक्त रूप से लगा रहे हैं।

Vedanta's nano chip project may face a big setback, Center may refuse funding | वेदांता के नैनो चिप परियोजना को लग सका है बड़ा धक्का, केंद्र फंडिंग से कर सकती है इनकार

वेदांता के नैनो चिप परियोजना को लग सका है बड़ा धक्का, केंद्र फंडिंग से कर सकती है इनकार

Highlights भारत सरकार ने चिप निर्माताओं को लुभाने के लिए 10 अरब डॉलर देने का वादा किया हैलेकिन उद्योगपति अनिल अग्रवाल के वेदांता की महत्वाकांक्षी चिप उद्यम को लग सकता है भारी झटकाभारत सरकार वेदांता के इस उद्यम को करोड़ों डॉलर की सरकारी सहायता देने से कर सकता है किनारा

दिल्ली: भारत सरकार अरबपति उद्योगपति अनिल अग्रवाल के महत्वाकांक्षी चिप उद्यम को भारी झटका दे सकती है। बताया जा रहा है कि केंद्र वेदांता समूह के इस प्रोजेक्ट के लिए धन देने से इनकार करने कर सकती है। मामले से जुड़े लोगों के मुताबिक सरकार अनिल अग्रवाल के वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड और ताइवान की होन हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री कंपनी के बीच समझौते से लगाई जा रही 28-नैनोमीटर चिप्स बनाने परियोजना में आर्थिक सहयोग देने से पीछे हट सकती है।

ताइवान की विदेशी कंपनी के साथ वेदांता समूह के इस संयुक्त उद्यम के लिए करोड़ों डॉलर की सरकारी सहायता के लिए आवेदन किया गया था, लेकिन उसके लिए सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा कंपनी ने अब कर पूरा नहीं किया है। समाचार वेबसाइट डेक्कन हेराल्ड के अनुसार वेदांत और होन हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री भारत सरकार से सहायता प्राप्त करने के लिए फिर से आवेदन कर सकते हैं, लेकिन इस पूरे मामले में एक बात यह मानी जा रही है कि केंद्र द्वारा परियोजना से दूरी बनाये जाने का स्पष्ट मतलब है कि अनिल अग्रवाल द्वारा स्थापित की जा रही भारत की पहली प्रमुख चिपमेकिंग उद्यम में देरी होगी, यहां तक ​​​​कि वेदांता को चिप के निर्माण में लगने वाले धातु को प्राप्त करने में भारी परेशानी होगी।

मालूम हो कि भारत की वेदांता और ताइवान की होन कंपनी के साथ इस उद्यम में पैर फैलाने की कोशिश कर रही है, जो दुनिया के एक बड़े आईफोन की असेंबलर है। लेकिन उसके पास चिपमेकिंग का कोई महत्वपूर्ण अनुभव नहीं है। इस संबंध में वेदांता के एक प्रतिनिधि ने कहा कि कंपनी सरकार से अपने आवेदन के नतीजे का इंतजार कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में चिप निर्माताओं को लुभाने के लिए 10 अरब डॉलर देने का वादा किया है। इसके साथ ही मोदी शासन ने इस बात का भी वादा किया है कि वह आने वाले समय में सभी सेमीकंडक्टर साइटों को स्थापित करने की आधी लागत वहन करेगा।

केंद्र सरकार जल्द ही वेदांता से 40 एनएम चिप्स बनाने के लिए वित्तीय सहायता के लिए एक नया आवेदन जमा करने और संशोधित पूंजीगत व्यय अनुमान देने के लिए कह सकती है। इसके साथ ही मोदी सरकार प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन प्रक्रिया को फिर से खोलने के बाद इस तरह की बोली पर विचार किया जा सकता है, जो देश में संभावित चिप निर्माताओं को लुभाने के लिए एक धक्का का हिस्सा है, जो अब तक बहुत कम सफलता मिली है।

वेदांता ने पहले भारत को 10 अरब डॉलर का पूंजीगत व्यय अनुमान प्रस्तुत किया था। इसके अलावा अनिल अग्रवाल के लिए राज्य से वित्तीय मदद महत्वपूर्ण है, जिसका वेदांत अप्रैल तक 6.8 अरब डॉलर के सकल उधार को कम करने के लिए काम कर रहा है।

Web Title: Vedanta's nano chip project may face a big setback, Center may refuse funding

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे