लखनऊः उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के प्रभावशाही मंत्री अपने विभाग के ही बड़े नौकरशाहों से खफा हैं. सूबे के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी हो या प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल हो अथवा स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल हो सबके सब अपने विभाग के आला अफसरों के दुखी है. इन सभी मंत्रियों का एक ही दुख है कि विभाग के आला अफसर उनकी सुनते नहीं हैं. उनके आदेश पर अमल नहीं करते है. नौकरशाहों के इस व्यवहार से दुखी होकर औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ने अपने विभाग के अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
इसी क्रम में उन्होने बीते दिनों मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह कहा कि विभाग के आला अफसर उन्हें मांगे जाने पर भी फाइल नहीं भेजते और मनमानी करते हुए कंपनियों को लाभ पहुंचा रहे हैं. यहीं नहीं सत्तापक्ष के विधायक नंद किशोर गुर्जर और दीनानाथ भास्कर सहित तमाम विधायकों ने भी यह आरोप लगाया है कि सूबे के नौकरशाह उनके पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं करते, मजबूरन उन्हें लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से जनता के कार्यों के लिए कहना पड़ रहा है.
नौकरशाहों के बर्ताव को लेकर मंत्री और विधायक की इस नाराजगी के बाद भी अभी तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों को बुलाकर उनसे बात नहीं की है, जबकि नौकरशाहों द्वारा मंत्रियों को ठेंगे पर रखे जाने की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है.
ये विधायक और मंत्री नौकरशाहों से खफा
ऐसा नहीं है कि सीएम योगी के शासन में यह पहली बार हो रहा है. दर्जनों बार पार्टी के विधायकों और मंत्रियों ने यह शिकायत की है कि उनकी बात को नौकरशाह सिरे से खारिज कर देते हैं. लोनी सीट से सत्तापक्ष के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने तो कई बार खुलकर यह कहा है कि पुलिस का भ्रष्टाचार बढ़ा है. यदि ये ऐसे ही चलता रहा तो जनता में सरकार के प्रति असंतोष बढ़ जाएगा.
जिले के अफसर उनकी सुनते नहीं है. भदोही से विधायक दीनानाथ भास्कर का दर्द है कि क्षेत्र के जो काम जो हमारे सीधे अधिकारियों से कहने पर हो जाने चाहिए, इसके लिए हमें लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से कहना पड़ रहा है. अफसरशाही के सामने हम बेबस होकर रह गए हैं. हमने मुख्यमंत्री को भी अफसरों के इस व्यवहार के बारे में बताया है कि कुछ बदला नहीं है और अब तो औद्योगिक विकास मंत्री नंदी जी को भी अपने विभाग के अफसरों के व्यवहार को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखना पड़ गया है.
अफसरों की मनमानी को लेकर लेकर खफा तो सबसे पहले जनता के बीच बोलने की हिम्मत प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने दिखाई थी. उन्होने सूचना विभाग के आला अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोलकर यह कहा था कि उनकी छवि को खराब करने का प्रयास सूबे के अफसर कर रहे थे. इसके बाद बीते माह सूबे के स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री रवींद्र जायसवाल ने विभाग में हुए तबादलों के खिलाफ आवाज बुलंद की और कहा उनकी सहमति के बिना ही बड़े पैमाने पर तबादले कर दिए गए.
तबादलों को लेकर रवींद्र जायसवाल के इस रुख को देखने के बाद कई मंत्रियों ने अपने विभाग में तबादला सत्र ही शून्य कर दिया. इसी बीच में बीते दिनों औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने सीएम योगी को पत्र लिखकर कहा कि उनकी बात उनके ही विभाग के अधिकारी नहीं सुन रहे हैं.
सीएम जल्दी ही नंदी को बुलाकर करेंगे चर्चा
वास्तव में मुख्यमंत्री का खुद को बेहद करीब बताने वाले नंदी अपने ही विभाग के नौकरशाहों की बेरुखी को पचा नहीं पा रहे. इसलिए उन्होने सीएम योगी को पत्र लिखकर विभाग में हो रही अफसरशाही का विस्तार से उल्लेख किया है. पत्र में उन्होने लिखा है कि विभागीय अधिकारी विभाग के काम में अड़ंगा डाल रहे हैं. यह लोग स्तर पर फाइल मंगा कर डंप कर रहे हैं.
दो साल से मांगे जाने पर भी उन्हे फाइल नहीं भेजी जा रही है. यहीं नहीं नोएडा की तमाम कंपनियों को नियमों की अनदेखी कर लाभ पहुंचाया गया. अपने पत्र में नंदी ने उन कंपनियों का भी पत्र में उल्लेख किया है जिन्हे विभागीय अफसरों ने नियमों को ताक पर रखते हुए लाभ पहुंचाया है. अफसरों की मनमानी के कारण राज्य में मेधावी बच्चों को लैपटॉप और टैबलेट बांटने के कार्य भी पिछडा है,
यह भी पत्र में औद्योगिक विकास मंत्री ने लिखा है. सीएम हो लिखा यह पत्र को नंदी ने मीडिया को नहीं दिया लेकिन मीडिया से बात कर उन्हें विस्तार से यह बताया है कि कैसे विभाग के आला अफसरों के हाथों उनका अपमान हुआ है. नंदी के इस खुलासे के बाद सूबे की राजनीति में बेहद सरगर्मी है.
यह चर्चा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से इस प्रकरण के बारे में बीते दिनों दिल्ली में जाना. फिलहाल सीएम योगी ने इस मामले में अभी तक औद्योगिक विकास मंत्री को अपने पास बुलाकर कोई चर्चा नहीं की है. कहा जा रहा है कि जल्दी ही सीएम योगी उन्हे अपने पास बुलाकर इस मामले में चर्चा करेंगे और बेअंदाज हो रहे नौकरशाहों पर अंकुश लगाने में जुटेंगे.