Uttar Pradesh Budget 2023: सूबे की योगी सरकार ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 6,90,242.43 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. योगी सरकार का पिछला बजट और अनुपूरक बजट मिलकर 6.48 लाख करोड़ रुपए का था. प्रदेश की योगी सरकार के इस सातवें बजट को आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष में 'नए उत्तर प्रदेश' का बजट बताया जा रहा है.
सीएम योगी आदित्यनाथ का दावा है, यह बजट राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इतिहास में नए स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा. और यह बजट प्रदेश के गांव, गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं समेत समाज के हर तबके के हितों की पूर्ति करने वाला होगा.
इस बजट के जरिये सभी के कुछ ना कुछ हसीन ख्वाब पूरे होंगे, ऐसा दावा यूपी में बीजेपी सरकार के सबसे अधिक पाँच बजट पेश करने वाले सुरेश खन्ना ने किया हैं. सूबे के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंगलवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 का यह बजट सदन में पेश किया.
योगी सरकार के इस बजट में हर सेक्टर को कवर किया गया है. इसमें किसानों, महिलाओं और युवाओं का ख्याल रखा गया है. कृषि, उद्योग, शिक्षा और अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर ज़ोर दिया गया है. सबसे ज्यादा फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर और बिजनेस सेक्टर पर दिया गया. इसके लिए बजट में पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के किनारे 6 जगहों पर औद्योगिक सेटअप लगाने की बात कही गई.
फार्मा पार्कों से लेकर कुटीर उद्योगों के लिए गांवों में यूनिटी मॉल स्थापित करने का ऐलान किया गया है. मेडिकल-हेल्थ सेक्टर में 2491 करोड़ से 14 मेडिकल कॉलेज बनाने और 20 करोड़ से फार्मास्यूटिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्थापना करने का ऐलान भी किया गया है.
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के लिए सबसे अधिक 12 हजार 6 सौ 31 करोड़ की धनराशि बजट में जारी की गई है ताकि अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके. सीएम योगी का कहना है कि बजट का आकार हमारे कुशल वित्तीय प्रबंधन का प्रमाण है.
बीते वर्ष जनता पर कोई नया कर नहीं लगाया गया फिर भी राजस्व की वृद्धि हुई है. जनता को महंगाई से राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल पर वैट कम किया है. प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा निवेश किया जा रहा है, यही कारण है कि आने वाले समय में 21 एयरपोर्ट वाला यूपी देश का पहला राज्य होगा.
मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के पात्र छात्र-छात्राओं को टैबलेट/स्मार्टफोन देने के लिए 3,600 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में किए जाने की बात भी कही. हर गांव में डिजिटल लाइब्रेरी बनाने के लिए 300 करोड़ रुपए देने का ऐलान भी बजट में किया गया है. डेढ़ हजार से अधिक स्कूल खोलने के लिए भी बजट में धनराशि दी गई है.
विपक्ष की प्रतिक्रिया:
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार के भारी भरकम बजट को लेकर कहा कि इस बजट में रोजगार के लिए कोई नए ऐलान नहीं किए गए हैं. इससे नौजवानों को कोई राहत नहीं मिलेगी. लघु और कुटीर उद्योगों की टूटी कमर को भी दुरुस्त करने के लिए बजट में कोई ऐलान भी नहीं किया गया है.
वही सपा नेता शिवपाल सिंह यादव कहा है कि आज का बजट नौकरशाही के नाम, आंकड़ों की बाजीगरी को सलाम करने वाला बजट है. इसमें कोई बड़ी योजना शुरू करने का ऐलान नहीं किया गया है. बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने बजट को ऊंट के मुंह में जीरा बताया है.
उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव के स्वार्थ को लेकर एक बार फिर वादों का पिटारा खोला गया है. जनता महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, पिछड़ेपन और अराजकता आदि से ग्रस्त है. लेकिन सरकार ने बदहाली को दूर करने के लिए कुछ किया ही नहीं.
हर बजट की थीम अलग:
- योगी सरकार के हर बजट ही थीम अलग :
- योगी सरकार का हर बजट हर बार किसी न किसी थीम पर आधारित रहा है. - पहला बजट अन्नदाता किसान को समर्पित था. - दूसरा बजट औद्योगिक विकास तथा बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास पर आधारित था. - तीसरा बजट का फोकस महिला सशक्तिकरण पर था. - चौथा बजट युवा व इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के विकास पर आधारित था. - पांचवा बजट स्वावलंबन से सशक्तिकरण पर आधारित था. - छठा बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश एवं अंत्योदय की संकल्पना को समर्पित था. - सातवाँ बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव को प्रस्तुत करने वाला बजट है...