UPA शासन में हुआ कोयला घोटाला हैं NPA की बड़ी वजह: रघुराम राजन

By भाषा | Published: September 11, 2018 04:39 PM2018-09-11T16:39:20+5:302018-09-11T18:24:38+5:30

Raghuram Rajan on NPA crisis: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि बड़ी संख्या में बैंकों का डूबा कर्ज या एनपीए 2006 से 2008 के दौरान बढ़ा जबकि आर्थिक वृद्धि दर काफी तेज थी।

UPA's coal scam is biggest reason for NPA says Raghuram Rajan | UPA शासन में हुआ कोयला घोटाला हैं NPA की बड़ी वजह: रघुराम राजन

UPA शासन में हुआ कोयला घोटाला हैं NPA की बड़ी वजह: रघुराम राजन

नई दिल्ली, 11 सितंबर: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का मानना है कि बैंक अधिकारियों के अति उत्साह, सरकार की निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुस्ती तथा आर्थिक वृद्धि दर में नरमी डूबे कर्ज के बढ़ने की प्रमुख वजह है। राजन ने एक संसदीय समिति को दिए नोट में यह राय व्यक्त की है। 

आकलन समिति के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी को दिये नोट में उन्होंने कहा, ‘‘कोयला खदानों का संदिग्ध आवंटन के साथ जांच की आशंका जैसे राजकाज से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के कारण संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) और उसके बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में निर्णय लेने की प्रक्रिया में देरी हुई।’‘ 

उन्होंने कहा कि इससे रुकी परियोजनाओं की लागत बढ़ गई। इससे कर्ज की अदायगी में समस्या पैदा हुई। पूर्व गवर्नर ने कहा कि जिस तरह से बिजली परियोजनाएं अटकी हैं जबकि भारत में बिजली की कमी है, उससे पता चलता है कि सरकार की निर्णय प्रक्रिया आज तक तेज नहीं हो पाई है। 

उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में बैंकों का डूबा कर्ज या एनपीए 2006 से 2008 के दौरान बढ़ा जबकि आर्थिक वृद्धि दर काफी तेज थी। पुरानी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं मसलन बिजली परियोजनाएं समय पर तय बजट में पूरी हुईं। 

राजन ने कहा कि यही वह समय था जबकि बैंकों ने गलतियां कीं। उन्होंने पीछे की वृद्धि और प्रदर्शन के आधार पर भविष्य का अनुमान लगाया। ऐसे में उन्होंने परियोजनाओं के लिए बड़ा कर्ज दिया, जबकि उनमें प्रवर्तकों की इक्विटी कम थी। राजन ने कहा कि कई बार बैंकों ने कर्ज देने के लिए प्रवर्तक के निवेशक बैंक की रिपोर्ट के आधार पर करार किया और अपनी ओर से पूरी जांच पड़ताल नहीं की। 

एक उदाहरण देते हुए राजन ने कहा कि एक प्रवर्तक ने उन्हें बताया कि कैसे बैंक ने उनके सामने चेकबुक लहराते हुए कहा कि वह यह बताएं उन्हें कितना कर्ज चाहिए। 

राजन ने कहा कि दुर्भाग्य का विषय यह रहा कि वृद्धि आगे के वर्षों में उम्मीदों के अनुरूप नहीं रही और वैश्विक वित्तीय संकट के बाद सुस्ती का दौर आया। इसका प्रभाव भारत पर भी पड़ा, जो यह दिखाता है कि हमारा देश कैसे दुनिया के साथ एकीकृत हो चुका है। 

राजन ने कहा कि निश्चित रूप से बैंक अधिकारी अति आत्मविश्वास से भरे थे और उन्होंने संभवत: इनमें से कुछ कर्ज के लिए काफी कम जांच पड़ताल की। कई बैंकों ने स्वतंत्र रूप से आकलन नहीं किया और एसबीआई कैप्स और आईडीबीआई के जिम्मे जांच पड़ताल की डाल दी। इस तरह के आकलन की आउटसोर्सिंग प्रणाली की कमजोरी है। 

संसद की आकलन पर समिति ने राजन को इस मामले पर जानकारी देने के लिए आमंत्रित किया था। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम ने इससे पहले एनपीए संकट को पहचानने के लिए राजन की सराहना की थी। 

राजन सितंबर, 2016 तक तीन साल तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे थे। 

English summary :
Most bad loans from UPA era, banks and UPA's coal scam biggest reasons for NPA crisis, says Raghuram Rajan. Former Reserve Bank of India (RBI) governor Raghuram Rajan believes that the over-excitement of bank officials, lack in the decision making process of the government and slowdown in economic growth rate are the main reasons for the increased debt.


Web Title: UPA's coal scam is biggest reason for NPA says Raghuram Rajan

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