Union Budget 2018: नरेंद्र मोदी सरकार के पहले चार बज़ट की खास बातें, पढ़ें रिपोर्ट कार्ड
By रामदीप मिश्रा | Updated: January 31, 2018 10:09 IST2018-01-31T09:16:59+5:302018-01-31T10:09:05+5:30
Union Budget 2018-19: नरेंद्र मोदी सरकार के इस आम बजट 2018 को अगले साल आने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर भी देखा जा रहा है।

Union Budget 2018: नरेंद्र मोदी सरकार के पहले चार बज़ट की खास बातें, पढ़ें रिपोर्ट कार्ड
नरेंद्र मोदी सरकार अपना आखिरी पूर्ण बजट गुरुवार ( एक फरवरी) को पेश करने जा रही है। ऐसे में जनता केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से काफी उम्मीदें लगाए बैठी है। इस आम बजट को अगले साल आने वाले लोक सभा चुनावों को लेकर भी देखा जा रहा है। साथ ही साथ पिछले चार बजटों का आंकलन भी किया जा रहा है कि सरकार विकास और आम जनता की तकलीफों को दूर करने में कितनी सफल हो सकी है। यहां आज आपको बताएंगे कि सरकार ने पिछले अपने चार बजटों में किन खास बातों पर फोकस किया है...
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नरेंद्र मोदी सरकार आम बजट 2014-15
-नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपने पहले बजट में विनिर्माण और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए कई नए नीतिगत परिवर्तन, कर राहत और सुधारों पर फोकस किया।
-बजट 2014 में कर छूट की सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये किया गया और वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीन लाख रुपये की छूट दी गई थी।
-सरकार ने मेक इन इंडिया के लिए विदेशी निवेश में बढ़ावा और विशेष रूप से विनिर्माण पर फोकस किया।
-रक्षा और बीमा क्षेत्रों के लिए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत की।
-सरकार ने पहले बजट में 5 आईआईएम, 5 आईआईटी और एम्स जैसे 4 संस्थानों की घोषणा की।
-इस बजट में सरकार का डिजिटल भारत का सपना दिखाई दिया था, जिसे उसने पेश किया था ताकि प्रत्येक नागरिक को आधुनिक डिजिटल बुनियादी सुविधाओं के माध्यम से जोड़ने और प्रौद्योगिकी-आधारित नवाचार और विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
-100 स्मार्ट शहरों विकसित करने की घोषणा की गई।
-गंगा को साफ करने और उसे जीवित रखने के लिए पंचवर्षीय नमामी गंगे परियोजना को पेश किया गया था, जिसके लिए पांच साल में 20,000 करोड़ रुपये बजट रखा गया था।
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नरेंद्र मोदी सरकार आम बजट 2015-16
-अगर करों की बात करें तो सरकार ने अपने इस बजट में अप्रत्यक्ष करों में बढ़ोतरी की थी। सेवा कर को 12.36 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया। वहीं प्रत्यक्ष करों में विशेष रूप से संपदा कर खत्म कर दिया गया था।
-भारत में विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने और देश को विनिर्माण और निर्यात हब में बदलने के लिए मेक इन इंडिया को अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया।
-सरकार ने भारत के योजना आयोग को नीति आयोग में बदल दिया।
-बीजेपी सरकार ने शहरी और ग्रामीण आबादी के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 2022 तक सभी के लिए घर देने को लेकर कदम बढ़ाए। खासकर निम्न आय वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए।
-सरकार ने नए दो आईआईएम और दो आईआईटी की घोषणा की, जिसमें एक को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ माइन्स से परिवर्तित किया गया। साथ ही छह नए एम्स जैसे संस्थानों की घोषणा की।
-सरकार ने स्किल इंडिया पर जोर दिया क्योंकि उसका उद्देश्य उद्योगों में कुशल श्रमिकों को उपलब्ध कराना था।
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नरेंद्र मोदी सरकार आम बजट 2016-17
-मोदी सरकार ने अपने इस बजट में घरेलू स्तर पर बने खाद्य उत्पादों के कारोबार में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दे दी।
-सरकार ने किसान कल्याण के लिए 35,984 करोड़ रुपये रखे थे। साथ ही साथ पांच साल में सिंचाई पर 86,500 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान रखा गया।
-सरकार ने बजट में पिछले साल के बज़ट के कुछ घोषणाओं को दोबारा रेखांकित किया। इसमें 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना, बुनियादी ढांचा, निवेश और सुधार शामिल था।
-इसके अलावा पहला घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के ऋण पर 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती दी गई। हालांकि घर की कीमत 50 लाख रुपये से कम पर ये छूट दी गई।
-देश में कालाधन रखने वालों के लिए कर-कानून अनुपालन के लिए चार महीने का अवसर दिया गया था। उनसे 45 प्रतिशत का कर और ब्याज देने की बात कही गई थी।
-इस बजट में स्टार्टअप्स को तीन साल तक 100 प्रतिशत कर छूट दी गई, लेकिन मैट की छूट नहीं मिली और मैट अप्रैल 2016-2019 तक लगेगा।
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नरेंद्र मोदी सरकार आम बजट 2016-17
-पर्यटन और पर्यटन से जुड़ी रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अतुल्य भारत 2.0 अभियान दुनिया भर में शुरू किया।
-सरकार ने भारतीय रेलवे में बढ़ती हुई दुर्घटनाओं को देखते हुए पांच साल के लिए 14.8 डॉलर कोष के साथ राष्ट्रीय रेल सुरक्षा परिषद का गठन किया।
-2.5 लाख से 5 लाख तक की सालाना आय वालों को 10 की जगह से 5% टैक्स देना तय किया।
-राजनीतिक दल किसी व्यक्ति से नकद में अधिकतम 2,000 रुपये ही चंदा लेना तय किया गया।
-सरकार ने जानलेवा बीमारी को खत्म करने के लिए साल 2025 का टारगेट रखा।
-इस बजट में देश को जो गांव अभी तक अंधेरे में हैं वहां 1 मई 2018 तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था।