बीस राज्यों ने धान खरीद के लिए किसानों के भूमि रिकॉर्ड, अन्य विवरण को एकीकृत किया

By भाषा | Updated: October 7, 2021 21:00 IST2021-10-07T21:00:14+5:302021-10-07T21:00:14+5:30

Twenty states integrate land records, other details of farmers for paddy procurement | बीस राज्यों ने धान खरीद के लिए किसानों के भूमि रिकॉर्ड, अन्य विवरण को एकीकृत किया

बीस राज्यों ने धान खरीद के लिए किसानों के भूमि रिकॉर्ड, अन्य विवरण को एकीकृत किया

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर पंजाब और हरियाणा सहित 20 राज्यों ने किसानों के भूमि रिकॉर्ड और डिजिटल मंडियों जैसे प्रमुख मापदंडों का ब्योरा लेने के साथ उन्हें एक केंद्रीय पोर्टल के साथ एकीकृत किया है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि चालू खरीफ विपणन सत्र में धान की खरीद के दौरान जांच के लिए इन महत्वपूर्ण जानकारियों की जरूरत है ताकि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) किसानों तक पहुंचे, न कि व्यापारियों तक।

उन्होंने कहा कि दिल्ली, जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश न्यूनतम सीमा मानदंड (एमटीपी) के एकीकरण के अग्रिम चरण में हैं। इसे केंद्र सरकार ने सभी खरीद करने वाले राज्यों को अपनाने का निर्देश दिया है ताकि खरीद संचालन में बिचौलियों पर नजर रखी जा सके और सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिले।

अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, "देश में करीब 23 प्रमुख खरीद करने वाले राज्य हैं। उनमें से 20 ने अपने खरीद पोर्टलों में एमटीपी शामिल कर लिया है, जिन्हें केंद्रीय खाद्यान्न खरीद पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है।"

उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा जैसे प्रमुख खरीद राज्य पहले ही एकीकृत हो चुके हैं और खरीद सुचारू रूप से शुरू हो गई है, और उन्होंने कहा कि तीन और राज्य ऐसा करने के अग्रिम चरण में हैं और अगले कुछ दिनों में प्रक्रिया को पूरा कर लेंगे।

न्यूनतम सीमा मानदंड में पांच प्रमुख विवरण हैं जिन्हें राज्यों को उनके बीच एकरूपता और अंतर-संचालन सुनिश्चित करने के लिए अपने खरीद पोर्टलों में दर्ज करना आवश्यक है।

सबसे पहले, राज्यों को किसानों और बटाईदारों के ऑनलाइन पंजीकरण, उनके पते, मोबाइल नंबर, आधार संख्या, बैंक खाते के विवरण, भूमि विवरण और अन्य कई सूचनाओं को जुटाना सुनिश्चित करने की जरुरत है।

दूसरा, राज्यों को पंजीकृत किसान डाटा को राज्य के भूमि रिकॉर्ड पोर्टल के साथ एकीकृत करना होगा। तीसरा, राज्यों को डिजिटल मंडी और खरीद केंद्र संचालन को क्रेता और विक्रेता के फॉर्म और बिक्री के बिल आदि के लिए एकीकृत करना होगा।

चौथा, राज्यों को किसानों को एमएसपी के सीधे और तेजी से हस्तांतरण के लिए एक ऑनलाइन भुगतान तंत्र स्थापित करना होगा। पांचवां, राज्यों को स्वीकृति नोट, वेट चेक मेमो और स्टॉक के अधिग्रहण पर बिलिंग के ‘ऑटो जनरेशन’ (स्वत: बिल बनाने की सुविधा) के लिए एक तंत्र स्थापित करना होगा।

इसमें कहा गया है कि नया तंत्र स्थापित किया जाना था क्योंकि फिलहाल, निगरानी और रणनीतिक निर्णय लेने के लिए कोई अखिल भारतीय मानक खरीद परिवेश नहीं है।

इसमें कहा गया है कि खरीद प्रणाली में बदलाव के कारण केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करते समय प्रणालीगत और कार्यान्वयन दोनों चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

अक्टूबर में 2021-22 के खरीफ विपणन सत्र की शुरुआत के साथ शुरू हुई नई प्रक्रिया राज्यों के साथ खरीद के आंकड़ों के सामंजस्य में तेजी लाने और केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को धन जारी करने के मामले में एक लंबा रास्ता तय करेगी।

मंत्रालय ने आगे कहा कि "देश को खरीद कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता के उच्च स्तर को प्राप्त करने में मदद के लिए, संचालन का मानकीकरण आवश्यक है, जो अंततः देश के लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।"

यह अंततः केंद्र के उद्देश्यों को प्राप्त करने और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के कार्यान्वयन में मदद करेगा।

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Web Title: Twenty states integrate land records, other details of farmers for paddy procurement

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