Truck Drivers Protest: उत्तर और पश्चिम भारत के 2000 पेट्रोल पंपों में तेल खत्म, ट्रक चालकों की हड़ताल से जनजीवन बेहाल, प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे गृह सचिव, क्या है ‘हिट-एंड-रन’ मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 2, 2024 07:05 PM2024-01-02T19:05:51+5:302024-01-02T19:07:40+5:30

Truck Drivers Protest: पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े लोगों ने बताया कि सरकारी तेल कंपनियों ने ट्रक चालकों की हड़ताल की आशंका के मद्देजनर देश भर के अधिकांश पेट्रोल पंपों पर टैंक भर दिए थे।

Truck Drivers Protest 2000 petrol pumps in North and West India have run out of oil life trouble due to truck drivers' strike Home Secretary will meet representatives what is 'hit-and-run' case | Truck Drivers Protest: उत्तर और पश्चिम भारत के 2000 पेट्रोल पंपों में तेल खत्म, ट्रक चालकों की हड़ताल से जनजीवन बेहाल, प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे गृह सचिव, क्या है ‘हिट-एंड-रन’ मामला

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Highlightsराजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब में कुछ पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ के कारण ईंधन खत्म हो गया है। ईंधन का भंडार खत्म होने की आशंका पैदा हो गई है जिससे कई पंपों पर लंबी कतारें देखी गईं। दक्षिण भारत में स्थिति बेहतर है और हैदराबाद में कुछ पंपों को छोड़कर आपूर्ति में कोई बड़ी बाधा नहीं आई है।

Truck Drivers Protest: कुछ ट्रक चालकों की हड़ताल के मंगलवार को दूसरे दिन में प्रवेश करने के बीच उत्तर और पश्चिम भारत के करीब दो हजार पेट्रोल पंपों में ईंधन का भंडार खत्म हो गया। पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े लोगों ने बताया कि सरकारी तेल कंपनियों ने ट्रक चालकों की हड़ताल की आशंका के मद्देजनर देश भर के अधिकांश पेट्रोल पंपों पर टैंक भर दिए थे।

लेकिन राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब में कुछ पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ के कारण ईंधन खत्म हो गया है। इन राज्यों में ईंधन का भंडार खत्म होने की आशंका पैदा हो गई है जिससे कई पंपों पर लंबी कतारें देखी गईं। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में स्थिति बेहतर है और हैदराबाद में कुछ पंपों को छोड़कर आपूर्ति में कोई बड़ी बाधा नहीं आई है।

अगर तीन दिन की हड़ताल का समय बढ़ाया जाता है या अखिल भारतीय आंदोलन शुरू होता है तो सब्जियों, फलों और दूध जैसे आवश्यक उत्पादों की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है। ‘हिट-एंड-रन’ (दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाना) मामलों के लिए नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत जेल और जुर्माने की सज़ा के कड़े प्रावधान है जिसके खिलाफ कुछ ट्रक, बस और टैंकर संचालकों ने सोमवार को तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की।

‘ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन’ ने अब तक राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान नहीं किया है और इसके प्रतिनिधि बीएनएस के बारे में अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मिलेंगे। ‘ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन’ में ट्रक संचालकों के अलग अलग संघ शामिल हैं।

पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि ज्यादातर पेट्रोल पंपों पर दो-तीन दिनों तक का भंडार है और अगर हड़ताल घोषणा के मुताबिक, तीन दिनों तक चलती है तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हड़ताल का समय बढ़ाया गया या अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया तो परेशानी होगी।

औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।

गृह सचिव हड़ताल कर रहे ट्रक चालकों के प्रतिनिधियों से मिलेंगे, जल्द समाधान की उम्मीद : सूत्र

केंद्रीय गृह सचिव मंगलवार शाम को ‘हिट एंड रन’ मामलों को लेकर नए कानून के खिलाफ हड़ताल पर गए ट्रक चालकों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे और इस मुद्दे के सौहार्दपूर्ण समाधान की उम्मीद है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी।

सूत्रों ने बताया कि ट्रक चालकों के संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने अब तक भारतीय न्याय संहिता के तहत हिट-एंड-रन दुर्घटना मामलों के लिए नए कड़े प्रावधानों को वापस लेने की मांग के समर्थन में देशव्यापी हड़ताल का आह्वान नहीं किया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘‘देश में एआईएमटीसी द्वारा आहूत कोई राष्ट्रव्यापी हड़ताल नहीं है और सभी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जाएगा। वे आज शाम को गृह सचिव (अजय भल्ला) से मुलाकात करेंगे।’’ एआईएमटीसी के पदाधिकारी चाहते हैं कि सरकार इन प्रावधानों को वापस ले और दावा किया कि ये प्रावधान ‘कड़े’ हैं और इससे चालकों को कठिनाई होगी।

एआईएमटीसी देश भर में ट्रक चालकों का एक प्रमुख संगठन है। एआईएमटीसी के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार को भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन मामलों से संबंधित प्रावधानों को वापस लेना चाहिए।’’

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