मुंबई, चार अक्टूबरः संकटग्रसत आईएलएंडएफएस के नवगठित निदेशक की पहली बैठक संभवत: गुरुवार को हो सकती है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में कंपनी के लिए पुनरोद्धार योजना पर विचार किया जाएगा। सरकार ने सोमवार को कर्ज के बोझ से दबी इस कंपनी का नियंत्रण सत्यम कंप्यूटर की तर्ज पर अपने हाथ में ले लिया। सरकार ने कंपनी के पुराने निदेशक मंडल को हटाकर बैंकर उदय कोटक की अगुवाई में नया बोर्ड बनाया है।
बोर्ड के अन्य सदस्यों में सेबी के पूर्व चेयरमेन जी एन बाजपेयी, आईसीआईसीआई बैंक के गैर कार्यकारी चेयरमैन जीसी चतुर्वेदी, आईएएस और जहाजरानी महानिदेशक मालिनी शंकर और विनीत नायर तथा वरिष्ठ आडिटर नंदकिशोर शामिल हैं। विनीत नायर को सत्यम कंप्यूटर के पुनरोद्धार का श्रेय जाता है।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि बोर्ड की प्राथमिकता कंपनी की वित्तीय स्थिति का आकलन करना और अगले 15 दिन में इसकी जानकारी सरकार को देने की होगी। एक सूत्र ने कहा कि सरकार ने समूह और उसकी करीब 160 अनुषंगियों की गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) से जांच का भी निर्देश दिया है।
एक अन्य सूत्र ने कहा कि बोर्ड संपत्तियों की बिक्री के जरिये नकदी जुटाने पर भी ध्यान देगा। बताया जाता है कि कंपनी के ऋणदाताओं को भी बोर्ड बैठक के नतीजों का इंतजार है। उसी के बाद वे कंपनी को और कर्ज देने पर विचार कर सकते हैं।
इस बीच, आईएलएंडएफएस समूह की इकाई आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क ने बुधवार को कहा कि वह अपने तीन एसीडी ग्राहकों को 20.8 करोड़ रुपये के ब्याज भुगतान में चूक गई है। कंपनी ने बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा कि यह सभी भुगतान 30 जून से 29 सितंबर, 2018 के दौरान किया जाना था।
कंपनी ने कहा कि वह एनसीडी पर तीन ब्याज भुगतान क्रमश: 10.58 करोड़ रुपये, 6.95 करोड़ रुपये और 3.24 करोड़ रुपये का भुगतान करने में विफल रही है।