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बाजार में शानदार तेजी के लिये जाना जाएगा वर्ष 2021, सेंसेक्स और निफ्टी 24 प्रतिशत तक चढ़े

By भाषा | Updated: December 31, 2021 18:30 IST

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मुंबई, 31 दिसंबर घरेलू शेयर बाजार वर्ष 2021 के आखिरी कारोबारी दिवस शुक्रवार को बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स जहां 459 अंक उछला वहीं एनएसई निफ्टी 150 अंक से अधिक मजबूत हुआ। विभिन्न क्षेत्रों में चौतरफा लिवाली से बाजार में तेजी रही।

वर्ष 2020 के मुकाबले 2021 में अर्थव्यवस्था में कोविड-19 महामारी के झटके से उबरने और वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ने के साथ मानक सूचकांकों में मजबूती देखने को मिली। सेंसेक्स साल के दौरान 10,502.49 अंक यानी 21.99 प्रतिशत और निफ्टी 3,372.2 अंक यानी 24.11 प्रतिशत मजबूत हुए।

तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुक्रवार को 459.50 अंक यानी 0.80 प्रतिशत उछलकर 58,253.82 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 150.10 अंक यानी 0.87 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,354.05 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में 3.5 प्रतिशत की तेजी के साथ टाइटन सर्वाधिक लाभ में रही। इसके अलावा अल्ट्राटेक सीमेंट, कोटक बैंक, एसबीआई, मारुति सुजुकी, बजाज फाइनेंस लाभ में रहे।

दूसरी तरफ चार शेयर...एनटीपीसी, टेक महिंद्रा, पावरग्रिड और इन्फोसिस में गिरावट रही।

वर्ष 2021 के दौरान घरेलू शेयर बाजार 19 अक्टूबर को उच्च स्तर पर पहुंचे थे। कारोबार के दौरान सेंसेक्स उच्चतम स्तर 62,245 और निफ्टी रिकार्ड 18,604 अंक तक चला गया था।

मार्च 2020 से लेकर दिसंबर 2021 के दौरान सेंसेक्स जहां 140 प्रतिशत मजबूत हुआ, वहीं निफ्टी में 145 प्रतिशत की तेजी रही। कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने से दोनों मानक सूचकांक 23 मार्च 2020 को चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गये थे।

हांगकांग का हैंगसेंग 1.24 प्रतिशत जबकि चीन में शंघाई कंपोजिट सूचकांक 0.57 प्रतिशत लाभ में रहे। जापान और दक्षिण कोरिया के शेयर बाजार शुक्रवार को बंद रहे।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख देखा गया।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी धीरज रेल्ली ने कहा, ‘‘...इस साल की शुरुआत में दुनिया कोविड महामारी से उबरी लेकिन मार्च में फिर से महामारी फैली। हालांकि निफ्टी अक्टूबर तक मजबूत होता रहा और उसके बाद इसमें कुछ सुधार आया। वैश्विक स्तर पर और भारत में जीडीपी के अनुपात में बाजार पूंजीकरण उच्च स्तर पर पहुंच गया। इसका कारण बड़े स्तर पर नकदी प्रवाह, कम ब्याज दर, स्थिति जल्द सामान्य होने की उम्मीद तथा अन्य निवेश के विकल्पों के मामले में कम प्राप्ति थी।’’

उन्होंने कहा कि नये साल में मौद्रिक नीति सामान्य रहेगी और निवेशक वित्तीय बाजारों से कुछ कम रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। केंद्रीय बैंक नीतिगत दरें बढ़ाना शुरू करेंगे।

रेल्ली ने कहा, ‘‘वर्ष 2021 में शानदार प्रदर्शन के बाद भारत में शेयरों के मूल्यांकन को लेकर निवेशक सतर्क हो सकते हैं। भारतीय शेयरों के समक्ष कई चुनौतियां हैं जिसमें अमेरिका में ब्याज दर का चक्र, तेल की कीमतों में तेजी, कुछ प्रमुख राज्यों में चुनाव, कोविड महामारी की तीसरी लहर की आशंका, देश में ब्याज दर में तेजी की आशंका शामिल हैं।’’

शेयर बाजार में उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को 986.32 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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