भारत-बांग्लादेश के बीच संबंधों में आई खटास ने आम के मिठास को कर दिया है खट्टा, सीमांचल से आम नहीं हो रहा निर्यात

By एस पी सिन्हा | Updated: June 1, 2025 18:14 IST2025-06-01T18:14:56+5:302025-06-01T18:14:56+5:30

भारत और बांग्लादेश के बीच वर्तमान में चल रहे तनावपूर्ण संबंधों का सीधा असर इस बार सीमांचल क्षेत्र के आम उत्पादकों पर पड़ रहा है। 

The sourness in relations between India and Bangladesh has soured the sweetness of mangoes, mangoes are not being exported from Seemanchal | भारत-बांग्लादेश के बीच संबंधों में आई खटास ने आम के मिठास को कर दिया है खट्टा, सीमांचल से आम नहीं हो रहा निर्यात

भारत-बांग्लादेश के बीच संबंधों में आई खटास ने आम के मिठास को कर दिया है खट्टा, सीमांचल से आम नहीं हो रहा निर्यात

पटना:बिहार के सीमांचल इलाके में इस साल आम का बंपर उत्पादन हुआ है, जिसे इस क्षेत्र के लोग "मैंगो इयर" कहकर संबोधित कर रहे हैं। लेकिन भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में आई खटास ने इस 'मीठी' खुशी को 'खट्टा' कर दिया है। भारत और बांग्लादेश के बीच वर्तमान में चल रहे तनावपूर्ण संबंधों का सीधा असर इस बार सीमांचल क्षेत्र के आम उत्पादकों पर पड़ रहा है। 

दरअसल, सीमांचल के कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जिलों से भारी मात्रा में आम पहले बांग्लादेश के बाजारों तक पहुंचता था। बांग्लादेश इन आमों को री-पैकिंग कर 'बांग्लादेशी आम' के नाम से अन्य देशों में भी निर्यात करता था, जिससे स्थानीय किसानों को अच्छा मुनाफा होता था। मगर, वर्तमान तनाव के चलते कई घुसपैठ वाले अवैध बॉर्डर सील कर दिए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप सीमांचल का आम आसानी से इस बार बांग्लादेश के बाजार तक नहीं पहुंच पा रहा है। कटिहार के बड़े आम व्यापारी कालिदास बनर्जी ने कहा कि बाजार पर असर तो है, लेकिन राष्ट्रहित सबसे पहले है। इसलिए, हम आम व्यापारी सरकार के निर्णय के साथ हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आर्थिक नुकसान के बावजूद, देश की सुरक्षा और राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता दी जा रही है। 

स्थानीय जानकार बताते हैं कि बांग्लादेश में हालिया तख्ता पलट के बाद, आम के अच्छे पैदावार के लिए खास पहचान रखने वाले कटिहार के आम बगीचों पर बड़ा असर पड़ा है। हालांकि, उनका मानना है कि राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए यह जायज कदम है। जहां तक अधिक आम उपज के कारण दाम नहीं मिलने की बात है, तो किसान इससे खास परेशान नहीं दिख रहे हैं। वे अब देश के ही अन्य राज्यों में वैकल्पिक बाजार ढूंढकर अपने आम को खपाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि इस "मैंगो एयर" का पूरा लाभ उठा सकें और अपनी मेहनत को बर्बाद होने से बचा सकें।

Web Title: The sourness in relations between India and Bangladesh has soured the sweetness of mangoes, mangoes are not being exported from Seemanchal

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