रिजर्व बैंक ने 2021- 22 का आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 9.5 प्रतिशत किया

By भाषा | Updated: June 4, 2021 15:24 IST2021-06-04T15:24:30+5:302021-06-04T15:24:30+5:30

The Reserve Bank reduced the economic growth forecast for 2021-22 to 9.5 percent | रिजर्व बैंक ने 2021- 22 का आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 9.5 प्रतिशत किया

रिजर्व बैंक ने 2021- 22 का आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 9.5 प्रतिशत किया

मुंबई, चार जून कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से उपजी अनिश्चितता के बीच रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि के अनुमान को एक प्रतिशत अंक कम करके 9.5 प्रतिशत कर दिया।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना महामारी की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर के प्रभाव कुछ नियंत्रण में रहने का अनुमान है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुये, ‘‘वर्ष 2021- 22 के लिये जीडीपी की वास्तविक वृद्धि दर अब 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पहली तिमाही में इसके 18.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.9 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।’’

दास मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। इससे पहले रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली समीक्षा बैठक में 2021- 22 की आर्थिक वृद्धि 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था।

गवर्नर ने इस पर गौर किया कि एमपीसी की अप्रैल की बैठक के बाद कोविड- 19 की दूसरी लहर कई राज्यों में तेजी से फैली है, यह छोटे शहरों गांवों तक पहुंच गई जहां लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के 31 मई 2021 को जारी राष्ट्रीय आय के प्रारम्भिक आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020- 21 में देश का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.3 प्रतिशत गिरा है। वहीं वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च 2021) में जीडीपी 1.6 प्रतिशत बढ़ी है।

शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड- 19 संक्रमण की दूसरी लहर और मृतकों की संख्या में अचानक वृद्धि से अर्थव्यवस्था में सुधार की जो शुरुआत हुई थी वह कमजोर पड़ गई। हालांकि, यह पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई।

आर्थिक वृद्धि गतिविधियां अभी जीवित हैं। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर दूसरी लहर के दौरान आपूर्ति परिस्थितियों ने अपनी मजबूती का प्रदर्शन किया।

गवर्नर ने कहा कि रिजर्व बैंक ‘‘लगातार नई सोच और विचारों पर काम करेगा।’’ इस दौरान वह सबसे बुरे समय को ध्यान में रखते हुये योजना बनायेगा और बेहतर भविष्य की उम्मीद के साथ आगे बढ़ेगा।

दास ने कहा कि शुक्रवार को जिन उपायों की घोषणा की गई है, वह और अब तक जो कदम उठाये गये हैं उनसे उम्मीद की जाती है कि ‘‘जहां से हम फिसल गये थे’’ वहां से आगे बढ़ेंगे।

रिजर्व बैंक ने इससे पहले अप्रैल में हुई मौद्रिक नीति की समीक्षा में 2021- 22 के दौरान आर्थिक वृद्धि 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

देश के सकल घरेलू उत्पाद में पिछले वित्त वर्ष यानी 2020- 21 में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले वित्त वर्ष की शुरुआत जहां भारी गिरावट के साथ हुई थी वहीं चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था वृद्धि की राह पर लौटी और जनवरी- मार्च 2021 तिमाही में 1.6 प्रतिशत वृद्धि हासिल की गई। इससे पिछली तिमाही में जीडीपी में 0.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी।

आरबीआई गवर्नर ने मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद कहा, ‘‘ ... वास्तविक जीडीपी वृद्धि अब 2021- 22 के दौरान 9.5 प्रतिशत रहेगी। वित्त वर्ष 2021- 22 की पहली तिमाही में 18.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.9 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत और चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

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Web Title: The Reserve Bank reduced the economic growth forecast for 2021-22 to 9.5 percent

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