पिछले वित्त वर्ष में अपरिवर्तनीय ऋण-पत्र से जुटायी गयी राशि रही 29 प्रतिशत कम
By भाषा | Updated: April 13, 2021 17:45 IST2021-04-13T17:45:12+5:302021-04-13T17:45:12+5:30

पिछले वित्त वर्ष में अपरिवर्तनीय ऋण-पत्र से जुटायी गयी राशि रही 29 प्रतिशत कम
नयी दिल्ली, 13 अप्रैल कंपनियों ने बीते वित्त वर्ष 2020-21 में डिबेंचर जारी कर 10,587 करोड़ रुपये जुटाए है। यह इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 29 प्रतिशत कम है। क्रेडिट रेटिंग्स में गिरावट तथा कोविड-19 की वजह से आई अड़चनों से चूक या डिफॉल्ट का जोखिम बढ़ने से कंपनियां डिबेंचर जारी कर कम राशि जुटा पाई हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों (एनसीडी) के जरिये धन जुटाने का आंकड़ा आकर्षक रह सकता है।
ग्रीन पोर्टफोलियो के सह-संस्थापक दिवम शर्मा ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष में एनसीडी के रास्ते धन जुटाने का आंकड़ा 2018-19 के स्तर पर पहुंच सकता है। कंपनियों निवेश चक्र में प्रवेश कर रही हैं। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 10 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है। इसके अलावा बांड पर प्रतिफल भी बढ़ रहा है, जिससे एनसीडी निर्गम का मामला बनता है।
उन्होंने कहा कि हाल में मुथूट फाइनेंस के एनसीडी की सफलता से कई कंपनियों के लिए रास्ता खुल गया है। इनमें गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) और रियल एस्टेट कंपनियां शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि डीएलएफ, पीरामल, एडलवाइस और आईआईएफएल पहले ही एनसीडी निर्गम पर विचार कर रही हैं।
एनसीडी ऋण से जुड़े बांड होते हैं, जिन्हें शेयरों में बदला नहीं जा सकता। सामान्य तौर पर इनमें ब्याज दर ऊंची होती है।
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