Vodafone-Idea को सुप्रीम कोर्ट ने दिया झटका, कंपनी के शेयर गिरे, ये है बड़ी वजह

By आकाश चौरसिया | Updated: September 19, 2024 14:33 IST2024-09-19T14:07:33+5:302024-09-19T14:33:03+5:30

Vodafone-Idea: सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन समेत कई टेलीकॉम कंपनियों की याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है, इसके साथ अब कंपनी के शेयर बुरी तरह से धड़ाम हो गए।

Supreme Court gave a blow to Vodafone-Idea shares of the company fell | Vodafone-Idea को सुप्रीम कोर्ट ने दिया झटका, कंपनी के शेयर गिरे, ये है बड़ी वजह

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

HighlightsVodafone-Idea को SC ने दिया झटका Vodafone-Idea समेत इन कंपनियों को थी बड़ा उम्मीद कंपनियों ने साल 2019 के फैसले में राहत की मांग की थी

Vodafone-Idea: सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया और दूसरी टेलीकॉम कंपनियों की सुधारात्मक याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। हालांकि कंपनियों ने साल 2019 के फैसले में राहत की मांग की गई थी, जिसमें लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क की गणना के लिए गैर-दूरसंचार राजस्व को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) में जोड़ने को लेकर सरकार से मांग की गई थी। 

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में गठित तीन जजों की समिति ने इस मामले को यह कहते हुए मना कर दिया कि इसमें 30 अगस्त को ऑर्डर दे दिया गया था। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हस्ताक्षरित आदेश के संदर्भ में सुधारात्मक याचिकाएं खारिज की जाती हैं। वहीं, लंबित आवेदन, यदि कोई हो तो उसका निपटारा किया जाता है।

यह आदेश वोडाफोन आइडिया और एयरटेल के लिए एक झटका है, जिन्होंने सरकार पर बकाया एजीआर के ₹1.47 ट्रिलियन के बोझ को कम करने की उम्मीद की थी। कम भुगतान से घाटे में चल रही वोडाफोन-आइडिया को अपने कर्ज का बोझ कम करने में मदद मिल सकती थी, लेकिन उपचारात्मक याचिका खारिज होने से इसकी वित्तीय परेशानियां बढ़ सकती है।

ब्रोकरेज फर्मों को उम्मीद है कि सुधारात्मक याचिकाओं से सकारात्मक नतीजे आने पर एजीआर बकाया में ₹35,000 करोड़ की कमी आएगी। दोपहर 1 बजे बीएसई पर वोडाफोन आइडिया के शेयर 11.23% गिरकर ₹11.46 पर आ गए। भारती एयरटेल के शेयर करीब 2% चढ़े।

याचिका में दूरसंचार विभाग से थी उम्मीद, लेकिन SC ने..
याचिका में दूरसंचार विभाग द्वारा एजीआर की गणना में लिपिकीय और अंकगणितीय त्रुटियों को सुधारने की मांग की गई है। टेलीकॉम कंपनियां यह भी चाहती थीं कि जुर्माना पूरी राशि के बजाय लंबित बकाया के 50% तक सीमित किया जाए और जुर्माने पर ब्याज दर कम की जाए। कंपनियों ने दावा किया कि दूरसंचार विभाग ने 'मनमाना' जुर्माना लगाया है जिसे कम किया जाना चाहिए।

भारती एयरटेल के लिए, राहत ने इसे वित्तीय रूप से मजबूत किया होगा और इसे नियोजित पूंजी पर रिटर्न और शेयरधारकों को रिटर्न में सुधार करने में सक्षम बनाया होगा। हालाँकि, SC का आदेश वोडाफोन आइडिया की मौजूदा बकाया भुगतान करने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा और नकदी प्रवाह पर दबाव बढ़ाएगा।

एक बात तो साफ है कि आदित्य बिड़ला ग्रुप वोडाफोन-आइडिया को बैक कर रहा है और कंपनी को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए 18000 करोड़ रुपए का ऑफर अप्रैल में निकालने जा रही है। वित्तीय घाटे को लेकर उबरने के लिए ऋण और बैंक गारंटी से उबरने के लिए 35000 करोड़ रुपए दिया। नंबर 3 टेलीकॉम कंपनी के पास अपनी सेवाओं के पुनर्निर्माण और प्रतिस्पर्धी बनने के लिए पांच साल की ₹55,000 करोड़ की पूंजीगत व्यय योजना है।

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