इंदौर (मध्य प्रदेश), 11 मई भारत का सोया खली निर्यात अप्रैल माह के दौरान तकरीबन तीन गुना बढ़कर एक लाख टन पर पहुंच गया। एक साल पहले (अप्रैल 2020) में देश से 35,000 टन सोया खली का निर्यात किया गया था।
प्रसंस्करणकर्ताओं के इंदौर स्थित संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सोपा के चेयरमैन डेविश जैन ने "पीटीआई-भाषा" को बताया, "अप्रैल में खासतौर पर पुराने सौदों के अमल में आने के कारण भारत का सोया खली निर्यात बढ़ा। इन दिनों देश में सोया खली की उपलब्धता की हालत तंग है।"
उन्होंने बताया कि अप्रैल में जर्मनी (36,000 टन) और फ्रांस (15,300 टन) भारतीय सोया खली के प्रमुख आयातक रहे।
प्रसंस्करण संयंत्रों में सोयाबीन का तेल निकाल लेने के बाद बचने वाले उत्पाद को सोया खली कहते हैं। यह उत्पाद प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत है। इससे सोया आटा और सोया बड़ी जैसे खाद्य पदार्थों के साथ पशु आहार तथा मुर्गियों का दाना भी तैयार किया जाता है।
वहीं, तेल वर्ष के दौरान अक्टूबर से अप्रैल की अवधि में सोयाखली का निर्यात एक साल पहले के 4.58 लाख टन से बढ़कर 16.94 लाख टन तक पहुंच गया।
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