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आईटी नियमों पर एसओपी उपभोक्ताओं, निवेशकों के ‘संरक्षण’ के लिए जरूरी : चंद्रशेखर

By भाषा | Updated: November 7, 2021 12:10 IST

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(मौमिता बक्शी चटर्जी)

नयी दिल्ली, सात नवंबर सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि उपभोक्ताओं और निवेशकों के हितों के संरक्षण के लिए मानक परिचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) एक ‘बचाव उपाय’ (गार्ड्रेल या रेलिंग) के रूप में जरूरी हैं और सरकार इनके लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि एसओपी से नए आईटी तथा मध्यवर्ती नियमों में और स्पष्टता आएगी।

चंद्रशेखर ने कहा कि इस बारे में अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श शुरू हो चुका है। एसओपी का मकसद कई मंत्रालयों को इसके बारे में ‘जागरूक’ बनाना है।

चंद्रशेखर ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि आईटी मंत्रालय अगले साल सार्वजनिक बातचीत, उपभोक्ता मंचों, अकादमिक क्षेत्र, उद्योग तथा ऑनलाइन क्षेत्र के साथ बातचीत के जरिये एक बड़े पहुंच (आउटरीच) कार्यक्रम की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा मंत्रालय वे सभी कदम उठाएगा जिससे इंटरनेट को मुक्त, सुरक्षित और भरोसेमंद बनाया जा सके।

चंद्रशेखर ने कहा कि मंत्रालय का पहुंच बढ़ाने का कार्यक्रम काफी व्यापक होगा और इसके जरिये हम विभिन्न राज्यों में जाएंगे। ‘‘ये वार्ताएं वहां होंगी जहां इंटरनेट की ताकत लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है।’’

आईटी मंत्रालय हितधारकों के साथ विभिन्न मुद्दों पर नियमित रूप से संपर्क कर रहा है। अब मंत्रालय इसका दायरा बढ़ाकर देशभर के नागरिकों से अधिक संगठित तरीके से मिलना शुरू करेगा। उनसे इंटरनेट को लेकर उनकी अपेक्षाओं के बारे में पूछेगा और यह जानेगा कि सरकार को उपयोगकर्ताओं को और सशक्त करने के लिए अभी और क्या करने की जरूरत है।

आईटी और मध्यवर्ती नियमों से संबंधित एसओपी के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इंटरनेट की निरंतरता को कायम रखा जाना चाहिए। ऐसे में एक मुक्त, सुरक्षित और भरोसेमंद तथा जवाबदेह इंटरनेट देशहित में है। उन्होंने कहा कि हमारी नीतियां इसके आसपास केंद्रित रहेंगी।

उन्होंने कहा कि एसओपी नियमों और नीतियों को स्पष्ट करते हैं। ये निवेशकों तथा उपभोक्ताओं दोनों के लिए ‘गार्ड्रेल’ यानी बचाव उपाय के रूप में जरूरी हैं। सरकार इनके लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने पिछले सप्ताह मध्यवर्ती दिशानिर्देशों को लेकर बार-बार पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) की सूची जारी की है।

चंद्रशेखर ने साइबर क्षेत्र को भारत के लिए मूल्यवान अवसर बताते हुए कहा कि सरकार का इरादा इसके लिए ‘सावधानी से कानून’ बनाने का है।

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) इस पर उचित समय संभवत: अगले साल की शुरुआत में विचार-विमर्श शुरू करेगा। यह विचार-विमर्श समग्र तरीके से इंटरनेट को सुरक्षित, भरोसेमंद और अधिक जवाबदेह बनाने पर केंद्रित होगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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