आईबीसी के तहत समाधान में लगते हैं औसतन 440 दिन : रिपोर्ट
By भाषा | Updated: January 28, 2021 23:09 IST2021-01-28T23:09:59+5:302021-01-28T23:09:59+5:30

आईबीसी के तहत समाधान में लगते हैं औसतन 440 दिन : रिपोर्ट
मुंबई, 28 जनवरी दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) अब अपने पांचवें साल में प्रवेश कर रही है। ऐसे में एक प्रमुख समाधान एजेंसी ने मामलों का निपटान समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।
सितंबर, 2020 तक राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा मंजूर 277 मामलों में प्रत्येक के समाधान में औसतन 440 दिन लगे हैं।
अल्वारेज एंड मार्शल इंडिया की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में सभी आईबीसी अंशधारकों से दक्षता में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है, जिससे समयबद्ध तरीके से मामलों का समाधान किया जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे ही समाधान का समय बढ़ता है, तो ‘रिकवरी’ (वसूली) के अनुपात में भी 15 से 25 प्रतिशत की भारी गिरावट आती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2016-17 से 2018-19 के दौरान कर्ज की वसूली की दर 43 से 50 प्रतिशत रही। लेकिन मामलों के समाधान की समयसीमा तय 180 जमा 90 दिन से आगे बढ़ गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर, 2020 में आईबीसी को साढ़े चार साल पूरे हो गए।
रिपोर्ट कहती है, ‘‘सितंबर, 2020 तक एनसीएलटी में निपटाए गए 277 मामलों में समाधान का औसतन समय 440 दिन रहा। यदि इसमें मामले को स्वीकार करने, समाधान योजना को मंजूरी के बाद के समय को जोड़ा जाए, तो समाधान प्रक्रिया को पूरा करने में 12 से 36 माह का समय लगा।’’
जुलाई-2020 के अंत तक एनसीएलटी में 19,844 मामले लंबित थे। इनमें से 12,438 मामले आईबीसी के तहत लंबित है। वित्त वर्ष 2019-20 में प्रत्येक तिमाही में करीब 480 मामले स्वीकार किए गए। इस लिहाज से पुराने सभी मामलों के समाधान में छह साल का समय लगेगा।
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