शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट का सिलसिला जारी रहा और सेंसेक्स 297 अंक और टूट गया। दिसंबर के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान के दिन रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट से बाजार नीचे आया।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान एक समय 328.37 अंक तक नीचे आ गया था। अंत में यह 297.50 अंक या 0.72 प्रतिशत के नुकसान से 41,163.76 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 41,132.89 अंक तक नीचे आया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 88 अंक या 0.72 प्रतिशत के नुकसान से 12,126.55 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में भारती एयरटेल में सबसे अधिक 2.23 प्रतिशत की गिरावट आई।
रिलायंस इंडस्ट्रीज, एलएंडटी, सनफार्मा, एचडीएफसी बैंक, मारुति, टाइटन और कोटक बैंक के शेयर भी नुकसान में रहे। वहीं दूसरी ओर ओएनजीसी, एनटीपीसी, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर 1.63 प्रतिशत तक चढ़ गए। कारोबारियों ने कहा कि दिसंबर के वायदा एवं विकल्प अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रहा। इसके अलावा वर्ष समाप्त होने से पहले छुट्टियों की वजह से भी बाजार में निवेशकों की भागीदारी कम हुई है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘छुट्टियों की वजह से कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह के बीच बाजार स्थिर रुख के साथ खुला। हालांकि, वायदा एवं विकल्प निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव का सिलसिला चला।
इसके अलावा विनिवेश योजना में संभावित विलंब की वजह से सरकार का राजकोषीय गणित भी गड़बड़ा सकता है जिसको लेकर निवेशक चिंतित हैं।’’ नायर ने कहा कि व्यापार को लेकर तनाव कम होने से वैश्विक बाजारों की स्थिति सुधरी है। घरेलू बाजारों को अब बजट से संकेतकों का इंतजार रहेगा। बीएसई मिडकैप में 0.13 प्रतिशत की गिरावट रही।
स्मॉलकैप 0.38 प्रतिशत चढ़ गया। चीन का शंघाई, जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए। अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया चार पैसे टूटकर 71.31 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 0.33 प्रतिशत की बढ़त के साथ 67.42 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।