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शेयर बाजारों में लगातार तीसरे दिन देखी गई तेजी, सेंसेक्स 216 अंक उछला

By भाषा | Updated: March 13, 2019 19:55 IST

सेंसेक्स के शेयरों में इंडस इंड बैंक 4.15 प्रतिशत मजबूत हुआ। लाभ में रहने वाले अन्य प्रमुख शेयरों में यस बैंक, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, बजाज आटो, आरआईएल, एचसीएल टेक, एचडीएफसी तथा आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं। इनमें 3.67 प्रतिशत तक की तेजी आयी।

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देश के शेयर बाजारों में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी बनी रही तथा बीएसई सेंसेक्स बुधवार को और 216 अंक बढ़त पर रहा। दुनिया के प्रमुख बाजारों में ज्यादातर में गिरावट के बावजूद घरेलू बाजार में तेजी रही। तीस शेयरों वाला बीएसई सूचकांक 216.51 अंक या 0.58 प्रतिशत की मजबूती के साथ 37,752.17 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 40.50 अंक या 0.36 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,341.70 अंक पर पहुंच गया।

सेंसेक्स के शेयरों में इंडस इंड बैंक 4.15 प्रतिशत मजबूत हुआ। लाभ में रहने वाले अन्य प्रमुख शेयरों में यस बैंक, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, बजाज आटो, आरआईएल, एचसीएल टेक, एचडीएफसी तथा आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं। इनमें 3.67 प्रतिशत तक की तेजी आयी।

दूसरी तरफ सेंसेक्स की सूची में भारती एयरटेल को सर्वाधिक 4.08 प्रतिशत नुकसान हुआ। नुकसान में रहने वाले अन्य शेयरों में वेदांता, सन फार्मा, टाटा स्टील, ओएनजीसी, टाटा मोटर्स, एनटीपीसी तथा कोल इंडिया हैं जिनमें 3.48 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। सेंसेक्स के कुल 13 शेयर लाभ में जबकि 17 नुकसान में रहे।

विश्लेषकों के अनुसार रुपये की मजबूती तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की तरफ से पूंजी निवेश का प्रवाह जारी रहने के बीच बैंक शेयरों में लिवाली से यह तेजी आयी। बीएसई के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार शुद्ध आधार पर विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 2,477.72 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।

डालर के मुकाबले रुपया बुधवार को 17 पैसे मजबूत होकर 69.54 पर पहुंच गया। इसके अलावा, विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार सत्तारूढ़ राजग सरकार के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है जिससे निवेशक जोखिम ले रहे हैं।

हालांकि ब्रेक्जिट को लेकर अनिश्चितता के कारण वैश्विक निवेशक सतर्क रहे। वैश्विक बाजार में गिरावट का असर घरेलू शेयर बाजारों पर भी पड़ा। हालांकि यह प्रभाव सीमित रहा।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘ब्रेक्जिट को लेकर चिंता से बाजार में उतार-चढ़ाव आया लेकिन घरेलू माहौल को लेकर उत्साह से शेयर बाजारों में तेजी रही। मुद्रास्फीति अभी भी आरबीआई के लक्ष्य से नीचे है। वहीं कमजोर औद्योगिक वृद्धि से आरबीआई की तरफ से कदम उठाये जाने की संभावना बढ़ी है। वैश्विक मोर्चे पर थेरेसा मे के ब्रेक्जिट समझौते के नये स्वरूप से ब्रिटेन की आर्थिक वृद्धि को लेकर अनिश्चितता बन रही है। वहीं सुरक्षित निवेश माने जाने वाला सोना चढ़ा है।’’ 

खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में बढ़कर 2.57 प्रतिशत पर आ गयी जो चार महीने का उच्च स्तर है। वहीं विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन के कारण औद्योगिक वृद्धि दर घटकर 1.7 प्रतिशत पर आ गयी। एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंग सेंग 0.39 प्रतिशत, शंघाई कंपोजिट सूचकांक 1.09 प्रतिशत, कोरिया का कोस्पी 0.41 प्रतिशत तथा जापान का निक्केई 0.99 प्रतिशत नीचे आया।

इसी प्रकार, यूरोप में शुरूआती कारोबार में फ्रैंकफर्ट का डीएएक्स 0.05 प्रतिशत नीचे चल रहा था जबकि पेरिस, सीएसी 40 0.32 प्रतिशत तथा लंदन का एफटीएसई 0.04 प्रतिशत तेजी पर थे।

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